मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत नंदिनी को मिली नई जीवन की राह
- अहमदाबाद में हुआ सफल हृदय रोग चिकित्सा, अब परिवार सहित खुश है नंदिनी रस्तोगी
- हृदय रोग चिकित्सा के साथ 34 तरह की बीमारियों में आरबीएसके टीम करती है मदद
प्रमोद कुमार
मोतिहारी, 26 अप्रैल। जिले में मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना वरदान साबित हो रही है। इस योजना के अंतर्गत पूर्वी चंपारण के शंकर सरैया निवासी 3.5 वर्ष की नंदिनी को नई जीवन की राह मिली है। आरबीएसके जिला समन्वयक डॉ मनीष कुमार ने बताया कि नन्दनी रस्तोगी नाम की छोटी सी बच्ची जो हृदय रोग से पीड़ित थीं, उसके माता पिता को उसके हृदय रोग के विषय में आभास भी नहीं था।
उन्होंने सामान्य बीमारी समझ उसका कई जगह इलाज कराया। बाद में जब सरकारी अस्पताल में इलाज कराया तो उस दौरान आरबीएसके चिकिसकीय टीम द्वारा उसकी स्क्रीनिंग की गई। जिसमें हृदय रोग के लक्षण मिलने पर उसे उसके चाचा गुड्डू रस्तोगी व जिले के अन्य 5 बच्चों के साथ पटना आईजीआईएमएस रेफर किया गया।
वहां पर सारी जांच प्रक्रिया और कागजी काम के बाद पुनः पटना से अहमदाबाद अन्य बच्चों के साथ भेजा गया। मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के सहयोग से जिले समेत पूरे बिहार से हृदय रोग पीड़ित बच्चों का चयन किया जाता है। ऑपरेशन में होने वाले खर्च के अलावा हवाई जहाज के टिकट, अहमदाबाद में खाने से लेकर रहने तक का बेहतर इंतजाम किया जाता है।
सफल चिकित्सा के बाद अब परिवार सहित खुश है नंदिनी:
दिल में सुराख का अहमदाबाद के सत्य साई अस्पताल में ऑपरेशन के बाद नंदनी व उसके परिजन काफी खुश हैं। उन्होंने इलाज के बाद की तस्वीरे भी भेजी हैं। परिवारजनों का कहना है कि हमलोग आम आदमी हैं, कहां से इलाज कराते। आज हमारी बच्ची स्वस्थ्य है, सब सरकार की देन है.. यह उस पिता के बोल हैं जिस पिता ने सुविधाओं के अभाव में अपनी बेटी का कष्ट देखा था। उन्होंने बताया कि जिला समन्वयक डॉ मनीष जी ने मुझे भरोसा दिलाया कि अब उनकी पुत्री सरकार की जिम्मेदारी है, वह जरूर ठीक होगी।
पूर्व में भी 21 बच्चों का सफल इलाज हो चुका है:
पूर्वी चम्पारण के सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार ने बताया कि हम सब को आज इस बात का गर्व है कि मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना अंतर्गत पूर्वी चंपारण आरबीएसके मोबाइल हेल्थ टीम के कारण पूर्व में भी 21 बच्चों का सफल इलाज हो सका है। आज इस योजना का लाभ पूरे प्रदेश को मिल रहा और अभी तक प्रदेश के 300 से ज्यादा बच्चों का सफल इलाज इस योजना से हो चुका है। नन्दिनी को जिंदगी मिली है वह आरबीएसके के नियत तौर पर कार्य करने का परिणाम है। आरबीएसके के तहत 34 तरह की बीमारियों का इलाज होता है। जो बिल्कुल ही नि:शुल्क है।