जीविका समूह की दीदी को सुरक्षित गर्भ समापन एक्ट की दी गयी जानकारी 

जीविका समूह की दीदी को सुरक्षित गर्भ समापन एक्ट की दी गयी जानकारी 

जीविका समूह की दीदी को सुरक्षित गर्भ समापन एक्ट की दी गयी जानकारी 

सांझा प्रयासऔर आईपास डेवलपमेंट फांउडेशन द्वारा आयोजित हुआ कार्यक्रम 

P9bihar news 

प्रमोद कुमार 

नवादा, 11 अक्टूबर: सुरक्षित गर्भ समापन के लिए एक्ट बनाये गये हैं. जिला में सुरक्षित गर्भ समापन को लेकर इस एक्ट के प्रति महिलाओं को जागरूक किया जा रहा है. मंगलवार को नारदीगंज प्रखंड के संसार जीविका महिला विकास स्वावलंबी सहकारी समिति लिमिटेड ग्राम के चालीस दीदी को सांझा प्रयास नेटवर्क एवं  आईपास डेवलपमेंट फाउंडेशन  के माध्यम से एक कार्यक्रम आयोजित कर इस एक्ट की जानकारी दी गयी. कार्यक्रम के दौरान जीविका के अध्यक्ष सीमा देवी, एमबीके सुहानी कुमारी स्वस्थ पोषण संध्या कुमारी आदि उपस्थित थे. 

सुरक्षित गर्भ समापन पर आईपास के राजीव कुमार ने जानकारी दी कि 1971 से पूर्व किसी भी प्रकार का गर्भ समापन अवैध माना जाता था। गर्भ समापन के लिए बड़ी कठिनाइयां होती थी. अनेक तरह के घरेलू उपायों से गर्भ समापन करने को प्रक्रिया में महिलाओं की मृत्यु हो जाती थी। उसे रोकने के लिए 1971 में मे एमटीपी एक्ट बना. इसके बाद से सुरक्षित गर्भ समापन की प्रक्रिया शुरू हुई. 

एमटीपी एक्ट में किया गया संशोधन: 
उन्होंने बताया कि 1971 के प्रावधानों के अनुसार गर्भ समापन कई शर्तों के साथ वैध माना गया लेकिन इससे भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा था. इसलिए एमटीपी एक्ट में संशोधन किया गया. इस संशोधन के बाद विशेष श्रेणी की महिलाओं के लिए गर्भपात की उपरी सीमा को 20 सप्ताह से बढ़ाकर अब 24 सप्ताह कर दिया गया है.

साथ ही पर्याप्त भ्रूण विकृति के मामलों में गर्भावस्था के दौरान किसी भी समय गर्भ समापन को मान्य किया गया है. किसी भी महिला या उसके साथी के द्वारा प्रयोग किए गए गर्भनिरोधक तरीके की विफलता की स्थिति में अविवाहित महिलाओं को भी गर्भ समापन सेवाएं दी जा सकेंगी. 

उन्होंने बताया कि 20 सप्ताह तक एमटीपी के लिए एक आरएमपी और 20 से 24 सप्ताह के लिए दो आर एम पी की राय चाहिए. बताया कि गोपनीयता को कड़ाई से बनाए रखा जाना आवश्यक है.