सामाजिक सद्भावना व एकता का केन्द्र है सर्वमंगला शक्तिपीठ
सामाजिक सद्भावना व एकता का केन्द्र है सर्वमंगला शक्तिपीठ
P9bihar news
प्रमोद कुमार
मोतिहारी,पू०च०।
मोतिहारी से सात किलोमीटर दक्षिण जीवधारा के पास मधुछपरा ग्राम में अवस्थित माँ सर्वमंगला शक्तिपीठ श्रद्धालुओं की आस्था का केन्द्र है।गाँव के जानकार लोगों में योगेन्द्र पाण्डेय,प्रो•देवेन्द्र नाथ पाण्डेय,डाॅ•रवीन्द्र नाथ पाण्डेय,सुभाष पाण्डेय,ब्रब्रज किशोर पाण्डेय,दीपक पाण्डेय,ओंकार पाण्डेय,राजेन्द्र पाण्डेय,बलीराम पाण्डेय,नवल किशोर पाण्डेय,दिवाकर पाण्डेय,रत्नेश्वर ओझा,महेन्द्र साह,मटुक बैठा,वकील महतो आदि के अनुसार इस सिद्धपीठ मंदिर का इतिहास हजारों साल पुराना है।
ज्ञातव्य है कि लगभग डेढ़ सौ साल पहले गाँव से कुछ दूर निर्जन बँसवारी के जंगल में चार विशालकाय पीपल वृक्ष के बीच में माँ दुर्गा की सात पिंडियाँ अवस्थित थीं,जहाँ श्रद्धालु पूजा करने जाते थे। कालांतर में इन पिंडियों को क्षेत्रीय लोगों के द्वारा वहाँ से स्थानांतरित करते हुए सड़क के किनारे खपरैल का छोटा सा मंदिर बनाकर स्थापित किया गया।वर्तमान समय में पूर्व न्यायाधीश स्वर्गीय ध्रुवदेव पाण्डेय,प्रोफेसर देवेन्द्र नाथ पाण्डेय,दिनेश पाण्डेय आदि के द्वारा भूमि उपलब्ध कराये जाने पर स्थानीय लोगों के सहयोग से इस प्राचीन मंदिर का भव्य नव निर्माण कराया गया है। साथ ही उसी प्रांगण में एक और दो मंजिला मंदिर निर्माणाधीन है
जिसमें शिव परिवार,राम दरबार,राधा-कृष्ण एवं नरसिंह भगवान की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। स्थानीय विधायक श्री प्रमोद कुमार जी के सौजन्य से यहाँ चबूतरे का निर्माण कराया गया है। मंदिर की विशेषता -मोतिहारी स्थित आर्षविद्या शिक्षण प्रशिक्षण सेवा संस्थान-वेद विद्यालय के प्राचार्य सुशील कुमार पाण्डेय के अनुसार इस शक्तिपीठ की यह विशेषता रही है कि नवरात्र के अलावा अन्य दिनों में भी ग्रामीणों के अतिरिक्त दूर दराज से श्रद्धालु आते रहते हैं। यहाँ सालों भर दैनिक पूजा-अर्चना के अतिरिक्त अष्टयाम,लखराँव तथा अन्य जप अनुष्ठान आदि सम्पन्न होते रहते हैं।
विगत कई वर्षों से यहाँ पंडित आशीष कुमार उपाध्याय के आचार्यत्व में शारदीय नवरात्र एवं वासंतिक (चैत्र) नवरात्र दोनों में विशेष पूजा-अर्चना होती है। इस वर्ष भी यहाँ शारदीय नवरात्र में ग्रामीण जनता के सहयोग व समर्पण से पूजन का भव्य आयोजन किया गया है।सामाजिक एकता का केन्द्र : -प्राचार्य पाण्डेय ने बताया कि इस सिद्धपीठ मंदिर में क्षेत्र के हिन्दुओं के साथ साथ मुस्लिम सम्प्रदाय के लोग भी दर्शन करने आते हैं
तथा पूजन और मंदिर निर्माण में यथाशक्ति आर्थिक,मानसिक व शारीरिक सहयोग भी करते हैं। अतः यह शक्तिपीठ अवश्य ही सामाजिक सद्भावना व एकता का केन्द्र है।इस शक्तिपीठ में माँ सर्वमंगला की पूजा व उपासना श्रद्धा एवं विश्वास के साथ करने से ``यं यं चिन्तयते कामं तं तं प्राप्नोति निश्चितम् ʼʼ निश्चित ही समस्त कामनाओं की सिद्धि होती है।