बजट परिचर्चा का आयोजन
रिपोर्टर नितेश कुमार
मोतिहारी,पू०च०।
महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग द्वारा "बजट परिचर्चा" विषय पर विशिष्ट व्याख्यान बुधवार को आयोजित किया गया।गूगल मीट पर आयोजित इस आभासी कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० संजीव कुमार शर्मा ने किया तथा सह अध्यक्षता विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रो० राजीव कुमार द्वारा किया गया। स्वागत भाषण एवं विषय स्थापना वाणिज्य विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो० त्रिलोचन शर्मा द्वारा किया गया।उन्होंने बताया कि प्राचीन भारतीय राज व्यवस्था से ही बजट का उल्लेख मिलता है। चाणक्य ने अपने अर्थशास्त्र में बजट के महत्वपूर्ण पहलुओं से हमें अवगत कराया है।कार्यक्रम के मुख्य वक्ता महात्मा ज्योतिबा फुले विश्वविद्यालय बरेली के अर्थशास्त्र विभाग के प्रमुख प्रो ० आशुतोष प्रिय ने कहा कि वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट एक रणनीतिक और साहसिक बजट है । डिजिटल यूनिवर्सिटी की घोषणा भी इसी बजट में पेश किया गया है।बजट परिचर्चा के इस कार्यक्रम में चार्टर्ड अकाउंटेंट अंकित कुमार ने बजट के तकनीकी पक्षों को अत्यन्त ही सारगर्भित तरीके से समझाया। उन्होंने बताया कि यह बजट भारत के असीमित संभावनाओं से भरा हुआ बजट है। जिसमें वर्ष 2047 में भारत की आज़ादी के सौ वर्षों के ऐतिहासिक सफ़र के पूरा होने विकासशील पथ को रेखांकित किया गया है और इसे अमृत काल का बजट कहा । सी० ए ० अंकित कुमार ने आंकड़ों के माध्यम से बजट के विभिन्न पहलुओं को समझाने के साथ साथ छात्रों के प्रश्नों के जवाब भी दिये।इस कार्यक्रम में विभिन्न विभाग के विभागाध्यक्ष एवं संयोजक प्रो ० त्रिलोचन शर्मा, भूतपूर्व विभागाध्यक्ष प्रो ० शिरीष मिश्रा, डॉ० सुब्रत रॉय, श्री अवनीश कुमार, डॉ० शिवेंद्र सिंह, डॉ० सुमिता सिंकु, डॉ० रवीश चंद्र वर्मा, के साथ ही अन्य विश्विद्यालयों के शिक्षक एवं छात्र छात्राएं भी उपस्थित रहें । इस परिचर्चा का संचालन विभाग की सहायक आचार्या डॉ० सुमिता सिंकु द्वारा किया गया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ० सुब्रत रॉय ने किया ।