नियमित टीकाकरण और एएनसी जांच को लेकर समाहरणालय में समीक्षा बैठक 

नियमित टीकाकरण और एएनसी जांच को लेकर समाहरणालय में समीक्षा बैठक 

नियमित टीकाकरण और एएनसी जांच को लेकर समाहरणालय में समीक्षा बैठक 

रिपोर्टर अतुल कुमार

बेतिया।
नियमित टीकाकरण को लेकर के शुक्रवार  को समाहरणालय में बैठक आहूत की गई, जिसकी अध्यक्षता जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने की। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि  बच्चे और गर्भवती महिलाएं नियमित टीकाकरण से वंचित न रह जाएं, इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग लगातार अभियान चला रहा है।  

इसमें  जिले की सफलता दर 100 प्रतिशत से अधिक रखने का लक्ष्य रखा गया है। एक आकलन के मुताबिक अभी भी बहुत सारे बच्चे और गर्भवती महिलाएं टीकाकरण से वंचित हैं। ऐसे लोगों को टीका लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग फिर से तैयारी कर रहा है।

इसी सिलसिले में आशा कार्यकर्ता जल्द ही क्षेत्र में सर्वे का काम करेंगी। इसे लेकर अभी जिले में आशा कार्यकर्ताओं की ट्रेनिंग चल रही है। ट्रेनिंग के बाद 10 जुलाई तक सभी छूटे हुए बच्चों और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण करना ।डीडीसी अनिल कुमार ने बैठक में  कहा कि  नियमित टीकाकरण हर हाल में जारी रहेगा और निर्धरित लक्ष्य को प्राप्त करना है।

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. अवधेश सिंह ने बताया कि नियमित टीकाकरण से कोई भी छूट न जाए, इसे लेकर हमलोग लगातार काम कर रहे हैं। अब एक बार फिर से छूटे हुए लोगों का टीकाकरण किया जाना है। सर्वे का काम जल्द ही शुरू होगा। अभी आशा कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग दी जा रही है। ट्रेनिंग पूरी हो जाने के बाद जल्द ही घर-घर जाकर वे लोग सर्वे का काम करेंगी।

आशा कार्यकर्ता एक-एक घर जाकर नियमित टीकाकरण से वंचित बच्चों और गर्भवती महिलाओं की सूची बनाएगी। सूची तैयार हो जाने के बाद उसके मुताबिक टीकाकरण किया जाएगा। एसीएमओ डॉ रमेश चंद्रा ने कार्ययोजना को लेकर के सभी एमओआईसी और बीएचएम को दिशानिर्देश दिया।डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ भास्कर ने वित्तीय वर्ष के  टीकाकरण कवरेज को लेकर प्रेजेन्टेशन दिया।जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ.अवधेश सिंह ने  बताया कि गर्भवती महिलाओं और बच्चों को गंभीर बीमारी से बचाव के लिए नियमित टीकाकरण जरूरी है।

इससे न केवल गंभीर बीमारी से बचाव होता है, बल्कि सुरक्षित और सामान्य प्रसव को बढ़ावा भी मिलता । बच्चों का शारीरिक विकास भी बेहतर तरीके से होता है। 12 तरह की बीमारियों से बच्चों का बचाव तो करता ही है, साथ में बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत करता है। इससे बच्चे अगर भविष्य में किसी बीमारी की चपेट में आ भी जाता तो उससे वह जल्द उबर जाता है।नियमित टीकाकरण का आयोजन जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर होता है।

इसके माध्यम से दो वर्ष तक के बच्चों को बीसीजी, ओपीवी, पेंटावेलेंट, रोटा वैक्सीन, आईपीवी, मिजल्स, विटामिन ए, डीपीटी बूस्टर डोज, मिजल्स बूस्टर डोज और बूस्टर ओपीवी के अलावा जेएई (जापानी बुखार) के टीके लगाए जाते हैं। इसके अलावा अभियान में गर्भवती को टेटनेस-डिप्थीरिया (टीडी) का टीका भी लगाया जाता है।

नियमित टीकाकरण बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कई गंभीर बीमारी से बचाव करता है। साथ ही प्रसव के दौरान जटिलताओं से सामना करने की भी संभावना नहीं के बराबर रहता है। बैठक मै सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र कुमार, जिले के एमओआईसी, बीएचएम , केयर के डीटीओ ऑन आकांक्षा कुमारी, यूनिसेफ के एसएमसी, इत्यादि उपस्थिति थे।