वेद तथा संस्कृत के शिक्षक किए गए सम्मानित 

वेद तथा संस्कृत के शिक्षक किए गए सम्मानित 

वेद तथा संस्कृत के शिक्षक किए गए सम्मानित 

P9bihar news 


प्रमोद कुमार शर्मा 
मोतिहारी।
संसार के सभी लोग सुखी हो,यह समस्त पृथिवी ही हमारा परिवार है और जहाँ सम्पूर्ण विश्व एक घोंसला है- ऐसी उदात्त भावना के कारण ही संस्कृत भाषा विश्व का गौरव है।उक्त विचार शुक्रवार को महर्षिनगर स्थित आर्षविद्या शिक्षण प्रशिक्षण सेवा संस्थान-वेद विद्यालय में मंगल सेमिनरी हाई स्कूल से अवकाश प्राप्त शिक्षक अरुण प्रकाश पाण्डेय के सौजन्य से आयोजित वेद तथा संस्कृत शिक्षक सम्मान समारोह की अध्यक्षता करते हुए पीयूपी काॅलेज के प्राचार्य डॉ• (प्रो•) कर्मात्मा पाण्डेय ने व्यक्त किया।

अरुण प्रकाश पाण्डेय ने अपने सम्बोधन में कहा कि बड़े-बड़े आदर्शों की,महान गुणों की,संस्कारों के निधि की और शास्त्रों की जननी स्वरूपा संस्कृति स्वयं संस्कृत भाषा के आश्रित है। उन्होंने कहा कि वेद तथा संस्कृत शिक्षकों का सम्मान करने का तात्पर्य भारतीय संस्कृति का सम्मान करना है।वेद विद्यालय के प्राचार्य सुशील कुमार पाण्डेय ने संस्कृत भाषा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत की दो ही प्रतिष्ठा है- संस्कृत भाषा तथा भारतीय संस्कृति।

संस्कृत एवं भारतीय संस्कृति के बिना भारत का पूर्ण विकास संभव नहीं हो सकता।अन्य वक्ताओं में महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय संस्कृत विभाग के प्रो• विश्वजीत वर्मन,आचार्य विनोद पाण्डेय,सुनिल तिवारी,सुधीर दत्त पाराशर,राजन पाण्डेय,विकास पाण्डेय आदि ने अपने विचार व्यक्त किये।इस अवसर पर प्राचार्य सुशील कुमार पाण्डेय,प्रो• विश्वजीत वर्मन,आचार्य विनोद पाण्डेय,सुनिल तिवारी,

सुधीर दत्त पाराशर,राजन पाण्डेय,राकेश तिवारी,विकास पाण्डेय,सुधाकर पाण्डेय,रुपेश ओझा सहित अन्य उपस्थित वेद तथा संस्कृत शिक्षकों को अरुण प्रकाश पाण्डेय ने अंगवस्त्र,कलम आदि प्रदान कर सम्मानित किया।कार्यक्रम का संचालन राकेश तिवारी व धन्यवाद ज्ञापन कृष्ण कुमार ने किया।

मौके पर सुजीत मिश्र,अरुण तिवारी,राम मनोहर,गौतम कुमार,वेद प्रकाश पाण्डेय,डा• नितेश कुमार,संजय तिवारी,प्रदीप कुमार,अधिवक्ता आलोक चन्द्रा,राजीव तिवारी  सहित वेद विद्यालय के समस्त शिक्षक व छात्र मौजूद थे।