वेदों का प्राण है राम नाम
प्रमोद कुमार
मोतिहारी,पू०च०।
वेदों का प्राण है राम नाम !राम नाम की महिमा अपरंपार है इस राम नाम के मंत्र को भगवान शिव जपते हैं बाल्मीकि जी उल्टा राम नाम मरा मरा जब कर भी पवित्र हो गए! तुलसीदास जी कहते हैं यदि तू भीतर और बाहर दोनों ओर उजाला चाहता है
तो मुख रूपी द्वार की जीव रूपी देहरी पर राम नाम रूपी मणी दीपक को रख! उक्त उद्गार ब्रह्मलीन योगीराज श्री देवराहा बाबा गुरुकुल आश्रम में चल रहे 51 वे सद्गुरु महायज्ञ एवं संगीतमय श्रीराम कथा के छठे दिवस पर कथा व्यास सुमन पांडे भरद्वाज ने अपार संख्या में उपस्थित भक्तों को राम नाम की महिमा प्रसंग सुनाया
उन्होंने कहा कि राम का नाम हम सुख में दुख में किसी के जन्म पर मरण पर कहीं भी ले सकते हैं राम नाम जपने वाले को कोई चिंता नहीं सताती राम का नाम निर्गुण ब्रह्म और शगुन राम दोनों से बड़ा है श्री राम का नाम कल्पतरु के समान हैं राम के नाम को राम से भी बड़ा माना गया है
वही भगवान के बाल लीला प्रसंग को सुनकर उपस्थित भक्त भाव विह्वल हो गए हैं व्यास पूजन आश्रम सचिव डॉ जय गोविंद प्रसाद ने किया समस्त पूजन विधि विधान से पुजारी आशीष पांडे ने कराया छठे दिवस के श्री राम कथा का विधिवत दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ हरिशंकर सिंह दिलीप केसरी रंजीत कुमार ने संयुक्त रूप से किया
आश्रम अध्यक्ष विनय कुमार शर्मा ने बताया कि सुबह 8:00 बजे से व्यास अमित कुमार की मंडली द्वारा संगीतमय संपूर्ण रामायण पाठ श्री राम नाम संकीर्तन और निरंतर भंडारा का आयोजन आश्रम में चल रहा है