पिरामल फाउंडेशन द्वारा स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ कार्यशाला का आयोजन
प्रमोद कुमार
मुजफ्फरपुर,
"आकांक्षी जिला सहयोग" अन्तर्गत मुज़फ़्फ़रपुर एवं सीतामढ़ी जिला अंतर्गत पंजीकृत स्वयंसेवी संस्थाओं का एक दिवसीय कार्यशाला पिरामल फाउंडेशन के द्वारा स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण जन कल्याण परिसद, नीम चौक, सादपुरा में किया गया।
जिसमें दोनों जिलो के कुल 14 स्वयंसेवी संस्थाओं ने भाग लिया।संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) भारत की ओर से आज जारी एक स्वतंत्र मूल्यांकन रिपोर्ट में आकांक्षी जिला कार्यक्रम (एडीपी) को 'स्थानीय क्षेत्र के विकास का एक अत्यंत सफल मॉडल' के रूप में सराहा गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे कई अन्य देशों में भी इसे सर्वोत्तम प्रथा के रूप में अपनाया जाना चाहिए जहां कई कारणों से विकास में क्षेत्रीय असमानता मौजूद हैं।रिपोर्ट में कहा गया है
कि एडीपी के तहत किए गए ठोस प्रयासों के कारण पहले से उपेक्षित जिलों, जिनमें दूरदराज के जिले और वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिले शामिल हैं, में पिछले तीन वर्षों के दौरान पहले के मुकाबले कहीं अधिक विकास हुआ है। अपने सफर की कुछ बाधाओं के बावजूद एपीडी पिछड़े जिलों के बीच विकास को बढ़ावा देने में बेहद सफल रहा है।
यूएनडीपी का यह विश्लेषण एडीपी के 5 प्रमुख क्षेत्रों पर आधारित है जिनमें स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा, कृषि एवं जल संसाधन, बुनियादी ढांचा और कौशल विकास एवं वित्तीय समावेशन शामिल हैं। अध्ययन में पाया गया कि इस कार्यक्रम ने इन जिलों में विकास की रफ्तार बढ़ाने के लिए उत्प्रेरक का काम किया है।
रिपोर्ट के अनुसार, जहां स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा और कुछ हद तक कृषि एवं जल संसाधन जैसे क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर सुधार दर्ज किया गया है, वहीं महत्वपूर्ण प्रगति के बावजूद अन्य संकेतक कहीं अधिक मजबूती की गुंजाइश को दर्शाते हैं।
इस कार्यक्रम ने जिलों की तकनीकी और प्रशासनिक क्षमताओं को मजबूत किया है। हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि क्षमता निर्माण पर कहीं अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। इसमें सभी जिलों में एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट फेलो अथवा टेक्नीकल सपोर्ट यूनिट जैसे समर्पित कर्मियों की नियुक्ति अथवा तकनीकी विशेषज्ञता, कौशल प्रशिक्षण आदि प्रदान करने के लिए विकास भागीदारों के साथ सहयोग करना शामिल है।
कार्यक्रम का संचालन समन्वयक आकांक्षी जिला कार्यक्रम नीति आयोग के श्री अकरम ने की। साथ ही उन्होंने ये भी बताया किस प्रकार से जिला प्रशासन के विभिन्न विभागों के साथ अभिसरण एवं कोलेब्रेशन विथ एनजीओ, यूथ, पी आर आई, एस एच जी, एवं मीडिया के साथ सामूहिक प्रयास करने पर जिला बेहतर प्रगति कर सकता है जो कि प्रधानमंत्री का विजन इस आकांक्षी जिला को ले कर है।प्रधानमंत्री द्वारा जनवरी 2018 में आकांक्षी जिला कार्यक्रम को शुरू किया गया था।
नागरिकों के जीवन स्तर को बेहतर करने और सभी के लिए समावेशी विकास 'सबका साथ, सबका विकास' सुनिश्चित करने के लिए सरकार के प्रयास के तहत इसकी शुरुआत हुई थी।इस मौके पर पिरामल के कुमार अभिषेक, सभीत कुमार हेमंत, दिव्यांक श्रीवास्तव, गांधी फेलो पंकज, राहुल, पल्लवी, अर्चना एवं निक्की मौजूद थे।