बंध्याकरण को आगे आ रही हैं जिले की महिलाएँ

बंध्याकरण को आगे आ रही हैं जिले की महिलाएँ

प्रमोद कुमार 

मोतिहारी,पू०च०।
बदलते सोच के साथ बंध्याकरण को जिले की महिलाएँ आगे आ रही हैं। देश भर मे लगातार बढ़ रही जनसंख्या के कारण हो रही समस्याओं के प्रति शहरों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएँ भी जागरूक हो चुकी हैं। आदापुर प्रखण्ड क्षेत्र की महिलाओं ने बताया कि बड़े परिवार में सदस्यों की संख्या ज्यादा होने पर आवश्यकताएं भी बढ़ जाती हैं।

जिसके कारण शिक्षा, स्वास्थ्य की जरूरतों को पूरा करना मुश्किल हो जाता है। वहीं छोटा परिवार सुखी परिवार होता है ,इसी को  देखते हुए हम लोगों ने परिवार के मुखिया की सहमति के साथ परिवार नियोजन कराने की ठान रखी है।समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आदापुर में 27 महिलाओं का सूर्य क्लीनिक टीम के मैनेजर सोमेंद्र शर्मा के सहयोग से डॉ नूतन सिन्हा के द्वारा  बंध्याकरण किया गया ।

इस कार्य में समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आदापुर प्रखंड प्रबंधक केयर इंडिया नारायण सिंह के द्वारा लगातार जन जागरूकता के फलस्वरूप  प्रत्येक सप्ताह के मंगलवार और शुक्रवार को महिलाओं का बंध्याकरण किया जाता है।डॉ नूतन सिन्हा ने बताया कि बढ़ती जनसंख्या पर रोक लगाने के लिए महिलाओं को दो से ज्यादा बच्चे पैदा नहीं करना चाहिए।

ज्यादा बच्चे होने से महिलाओं के स्वास्थ्य पर भी कुप्रभाव होता है। वहीँ  ज्यादा बच्चों के पालन पोषण में परिवार में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि बदलते सोच के साथ बंध्याकरण को महिलाओं का आगे आना उनकी अच्छी सोच को दर्शाता है।

प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राजेश साहनी ने बताया कि परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत बंध्याकरण सहित परिवार नियोजन के संसाधनों का लाभ लेने बड़ी संख्या में महिलाएं स्वास्थ्य केन्द्रों पर पहुंचीं।मौके पर  महिलाओं में खासा उत्साह देखा गया। परिवार नियोजन मेला में डॉ नूतन सिन्हा द्वारा 27 महिलाओं का बंध्याकरण किया गया।

कई महिलाओं को कॉपर टी व अंतरा इंजेक्शन भी दी गई। जबकि दर्जनों महिलाओं को छाया गर्भनिरोधक दवा, माला डी, गर्भनिरोधक दवाएँ दी गई । साथ ही परिवार नियोजन के स्थायी व अस्थाई साधनों की जानकारी दी गई।स्वास्थ्य प्रबंधक डॉ रवि रंजन ने बताया कि जनसंख्या नियंत्रण में भागीदारी हेतु आशा कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर व्यापक प्रचार करने का निर्देश दिया गया है।

उन्होंने कहा कि बढ़ती जनसंख्या चिंता का विषय है। परिवार नियोजन के साधनों का उपयोग कर जनसंख्या को नियंत्रित किया जा सकता है। मौके पर स्वास्थ्य जाँच कर  आयरन, फॉलिक एसिड, कैल्सियम के साथ अन्य आवश्यक दवाओँ का वितरण किया गया।प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राजेश साहनी ने बताया परिवार नियोजन के स्थाई व अस्थाई साधनों  की जानकारी स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा दी गई।

महिला नसबंदी एक स्थायी साधन है जिसे मात्र 15 मिनट में दक्ष चिकित्सक द्वारा किया जाता है।  विधि प्रसव/ गर्भपात के 7 दिन के अंदर या 6 सप्ताह बाद अपनाया जा सकता है। कॉपर-टी एक अस्थायी विधि जिससे बच्चों के जन्म में अंतर रखा जा सकता है। कॉपर- टी विधि 10 वर्षों एवं 5 वर्षों के लिए अपनायी जा सकती है। कॉपर-टी निकलवाने के बाद प्रजनन क्षमता तुरंत वापस आ जाती है। गर्भनिरोधक गोली माला-एन एक सुरक्षित हार्मोनल गोली है जिसे महिला को एक गोली प्रतिदिन लेनी होती है।

माहवारी शुरू होने के 5 वें दिन से गोली की शुरुआत करनी चाहिए। स्तनपान कराने वाली महिलाओं को प्रसव के 6 माह तक इस गोली का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। अंतरा एवं छाया दोनों परिवार नियोजन की नवीन अस्थायी विधियाँ हैं। अंतरा एक सुई है जो तीन माह तक प्रभावी रहती है। लंबे समय तक सुरक्षा के लिए हर तीन महीने में सुई लगवानी होती है। जबकि छाया एक गोली है जिसे सप्ताह में एक बार तीन महीने तक, फिर सप्ताह में केवल एक बार जब तक बच्चा न चाहें।

केयर इंडिया के स्वास्थ्य प्रबंधक श्रीनारायण सिंह ने बताया नसबंदी कराने वाले लाभार्थी को 3000 रुपये और उत्प्रेरक को 400 रुपये दिए जाते हैं। इसी तरह प्रसव के तुरंत बाद बंध्याकरण कराने पर लाभार्थी महिला को 3000 रुपये और उत्प्रेरक को 400 रुपये देने का प्रावधान है। पीपीआईयूसीडी बंध्याकरण पर लाभार्थी को 2000 रुपये, एएनएम को 150 रुपये और आशा कार्यकर्ता को 150 रुपये दिए जाते हैं।

इसी तरह सभी अन्य साधनों को अपनाने पर सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है। 
मौके पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राजेश साहनी,  स्वास्थ्य प्रबंधक डॉ रवि रंजन, प्रखंड प्रबंधक केयर इंडिया के नारायण सिंह,सहित कई महिलालाभार्थी व स्वास्थ्य कर्मी मौके पर मौजूद थे।