कालाजार उन्मूलन के लिए मुजफ्फरपुर के प्रयास की हुई सराहना 

कालाजार उन्मूलन के लिए मुजफ्फरपुर के प्रयास की हुई सराहना 

- रांची में आयोजित हुई कालाजार की राष्ट्रीय रिव्यू मीटिंग 
- 2020 में कालाजार मुक्त हो चुका है जिला 

प्रमोद कुमार 

मुजफ्फरपुर, 2 मई ।
कभी कालाजार के मरीजों की अधिकता वाला जिला मुजफ्फरपुर 2020 में इस रोग से मुक्त हो चुका है। अब यहां प्रखंड में प्रति 10 हजार एक से भी कम कालाजार के मरीज हैं। यह जागरूकता, समय पर आईआरएस का छिड़काव तथा बेहतर प्रबंधन से ही हो पाया है। उक्त बातें रांची में आयोजित  कालाजार के राष्ट्रीय रिव्यू मीटिंग में कही गयी। 


मालूम हो कि कालाजार के राष्ट्रीय रिव्यू मीटिंग में बिहार से मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, गोपालगंज, सीवान, सारण शामिल हुआ था। जिसमें सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर कालाजार मुक्त जिले के प्रयासों को काफी सराहा गया है।

जिले की हुई प्रशंसा :
जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ सतीश कुमार ने कहा कि रिव्यू मीटिंग के दौरान मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर विभाग के ज्वांइट सेकेट्री व नेशनल सेंटर फॉर वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल की निदेशक डॉ तनु जैन सहित अन्य अधिकारियों और सहयोगी संस्थाओं ने भी जिले के प्रयासों की प्रशंसा की।

कोविड काल में भी आईआरएस के छिड़काव में निर्धारित घरों तक पहुंच, जागरूकता संबंधी कार्यक्रम तथा नए रोगियों की खोज के लिए मुजफ्फरपुर के प्रयासों को सराहा गया। डॉ सतीश ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि हम प्रति 10 हजार की आबादी पर 0.5 से भी कम मरीज की स्थिति पर कालाजार को ले जाएं। वहीं इस रोग पर पूर्णतः काबू पा लें। 

कालाजार में आयी अप्रत्याशित कमी: 
जिले में दो सालों में कालाजार के मरीजों में काफी कमी देखी जा सकती है। 2020 में जहां कालाजार के 143 मरीज, एचआईवी कालाजार के 13 तथा पीकेडीएल के 26 मरीज थे। वहीं 2022 में कालाजार के मरीजों की संख्या घटकर 15, एचआईवी कालाजार के 1 तथा पीकेडीएल में सिर्फ 13 मरीज बचे हैं। इसके अलावा 2017 में जहां 13 लोगों की मौत हुई थी, वह 2021 से इस वर्ष तक शून्य है। 

कालाजार के लक्षण: 
- इस रोग में लगातार वजन कम होता जाता है। 
- पैर, पेट, चेहरे और हाथ की त्वचा का रंग हल्का हो जाता है। 
- खून की कमी
- भूख कम लगना
- शरीर में पीलापन आना

बचाव:
- शुरुआती लक्षणों को पहचान कर आसानी से आप इस बीमारी से निजात पा सकते हैं। 
- कीटनाशकों का प्रयोग करके वेक्टर पर नियंत्रण पाया जा सकता है, या ऐसे उपायों से उसे रोका जा सकता है। 
- आईआरएस का छिड़काव अपने घरों में जरूर कराएं।