दवा खाने के बाद उल्टी या चक्कर आना समस्या नहीं, फाइलेरिया परजीवी के मरने का है संकेत- डॉ शरत चंद्र शर्मा

दवा खाने के बाद उल्टी या चक्कर आना समस्या नहीं, फाइलेरिया परजीवी के मरने का है संकेत- डॉ शरत चंद्र शर्मा

दवा खाने के बाद उल्टी या चक्कर आना समस्या नहीं, फाइलेरिया परजीवी के मरने का है संकेत- डॉ शरत चंद्र शर्मा

- खाली पेट दवा का सेवन न करें

P9bihar news 


प्रमोद कुमार 
मोतिहारी। 
जिला वेक्टर बोर्न डिजिज नियंत्रण पदाधिकारी डॉ.शरत चंद्र शर्मा ने बताया कि सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के दौरान जिले के कुछ प्रखंड में बच्चों द्वारा दवा खाने के बाद उल्टी, चक्कर जैसे मामूली समस्या आई है। इससे लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। डॉ शर्मा ने बताया कि फाइलेरिया से बचाव की दवा पूरी तरह से सुरक्षित है। उन्होंने बताया कि जिस व्यक्ति के खून में फाइलेरिया के कीटाणु होते हैं,

दवा खाने पर फाइलेरिया कीटाणु के मरने के कारण उसे हल्का बुखार, सिर में दर्द, उल्टी या चक्कर की शिकायत हो सकती है। इसमें चिंता की कोई बात नहीं है। ये लक्षण कुछ समय बाद स्वत: समाप्त हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें सूचना मिली कि कुछ स्थानों पर बच्चे दवा का सेवन किए जिनको शाम में उल्टी की शिकायत हुई, तब विभाग द्वारा तुरंत रिस्पॉन्स लेते हुए इलाज की व्यवस्था की गई।

तुरंत ही प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक के निर्देशन में मेडिकल टीम के द्वारा बच्चों की जांच की गई।अब सभी बच्चे अब स्वस्थ है।जिला वेक्टर बोर्न डिजिज पदाधिकारी डॉ. एस सी शर्मा ने बताया कि किसी भी विषम परिस्थिति से निपटने के लिए प्रखंड के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर रेपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है। कार्यक्रम पर निगरानी रखने के लिए हर दिन संध्या बैठक की जा रही है।

व्हाट्सप्प ग्रुप बनाकर अपडेट लिया जा रहा है।इसके साथ ही इस कार्यक्रम की सफलता के लिए के लिए संबंधित विभागों एवं स्वास्थ्य विभाग के सहयोगी संस्थाओं   
पिरामल, पीसीआई, सिफार से संयुक्त रूप से सहयोग लिया जा रहा है।सीएस डॉ श्रवण कुमार पासवान ने कहा कि सर्वजन दवा का सेवन किसी को भी खाली पेट नहीं करना है, साथ ही दवा सेवन करने के बाद ज्यादा मात्रा में पानी का सेवन करना है।

हल्का फुल्का साइड इफेक्ट से नहीं घबराना है, अपने क्षेत्र के आशा को सूचित करना है। ज्यादा दिक्कत हो तो तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पताल में जाकर इलाज कराना है।उन्होंने बताया कि जिले में 10 फरवरी से एमडीए कार्यक्रम की शुरुआत हो चुकी है जिसमें पहले तीन दिन स्कूलों में बूथ लगाकर बच्चों व शिक्षकों को दवा खिलाई जाएगी ।

वहीं अगले 14 दिन आशा कार्यकर्ता व स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा घर-घर घूम कर निर्धारित उम्र के अनुसार लोगों को डीईसी एवं एल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी, यह दवा का सेवन करना बहुत जरूरी है, सर्वजन दवा का सेवन कर ही (हाथी पांव ) फाइलेरिया रोग से बचा जा सकता है।