पोषण पुनर्वास केंद्र में लौटी अनुष्का के चेहरे की हंसी
-शिवहर स्थित काजीपुर वार्ड नम्बर 2 की रहने वाली अनुष्का एनआरसी में रहकर एक महीने में दी कुपोषण को मात
प्रमोद कुमार
शिवहर,
स्वस्थ और सेहतमंद जीवन हर बच्चे का अधिकार है । इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। गर्भवती माता में खानपान में कमी, जागरूकता का अभाव व समुचित देखभाल नहीं हो पाने के कारण आज भी कई बच्चे कुपोषण के शिकार हो जा रहे हैं। लेकिन सरकार की ओर से चलाए जा रहे पोषण पुनर्वास केंद्र इस तरह के बच्चों को नया जीवन दे रहा है।
शिवहर स्थित काजीपुर वार्ड नम्बर 2 की रहने वाली अनुष्का भी केंद्र में रहकर कुपोषण को मात देकर घर चली गई है। अनुष्का का कम वजन, कम लंबाई, मायूस चेहरा, बार-बार रोना और शारीरिक कमजोरियां माता-पिता को परेशान किए हुए था। पोषण पुनर्वास केंद्र में जाने के बाद अनुष्का की हर तकलीफ दूर हो गई और वह स्वस्थ होकर हंसते मुस्कराते घर चली गई है।
2 किलो 700 ग्राम से 3 किलो 980 ग्राम हुआ वजन-
पोषण पुनर्वास केंद्र की एफडी चित्रा मिश्रा ने बताया कि जब पांच महीने की अनुष्का 10 मार्च को केंद्र में भर्ती हुई थी, उस वक्त उसका वजन 2 किलो 700 ग्राम था, जो असामान्य था। यहां भर्ती होने के बाद उचित इलाज, पोषण आहार के खान-पान, नियमित चिकित्सकीय जांच से अनुष्का के चेहरे पर हंसी लौट आयी। केन्द्र में भर्ती होने के महीने भर में ही नन्हीं अनुष्का का वजन 3 किलो 980 ग्राम हो गया। इस दौरान उसके शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा भी बढ़ी और उसकी लंबाई भी। 12 अप्रैल को वह अपनी मां सविता देवी के साथ घर चली गई।
खुराक (डाइट) के अनुसार खाना जरूरी:
चित्रा मिश्रा बताती हैं पोषण पुनर्वास केंद्र में बच्चों को खुराक (डाइट) के अनुसार खाना दिया जाना जरूरी है। यहां केंद्र पर भर्ती बच्चों के लिए डाइट प्लान तैयार किया गया है। जिसके अनुसार बच्चों को मिक्स डाइट की दवा दी जाती है। बच्चों को आहार में खिचड़ी, दलिया, सेब, चुकंदर, अंडा आदि दिया जाता है। उन्होंने बताया कि जन्म के छह माह तक सिर्फ मां का दूध पिलाना चाहिए। इससे बच्चा तंदरुस्त रहेगा।
काउंसलिंग कर माताओं को समझाती हैं:
चित्रा मिश्रा बताती हैं वो केंद्र पर आने वाले बच्चों की माताओं की काउंसिलिंग भी करती हैं। काउंसिलिंग में बताती हैं कि बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए क्या-क्या खिलाना है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को भी उचित डाइट की सलाह देती हैं, जिससे होने वाला बच्चा तंदरुस्त हो।