उत्कृष्ट नेतृत्व सम्पन्न कुलपति प्रो. संजीव कुमार शर्मा की भव्य और भावनात्मक विदाई

उत्कृष्ट नेतृत्व सम्पन्न कुलपति प्रो. संजीव कुमार शर्मा की भव्य और भावनात्मक विदाई

प्रमोद कुमार 

मोतिहारी,पू०च०।
महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजीव कुमार शर्मा को विश्वविद्यालय परिवार ने भावभीनी विदाई दी।बनकट स्थित महात्मा बुद्ध परिसर आचार्य वृहस्पति सभागार में आयोजित एक समारोह में विश्वविद्यालय के शिक्षकों अधिकारियों कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों ने भव्य एवं भावनात्मक विदाई दी एवं उनके सुनहरे भविष्य की मंगल कामना की।

कुलपति प्रो. संजीव कुमार शर्मा ने कुलपति का कार्यभार विश्वविद्यालय के वरिष्ठतम शिक्षक प्रो. आनंद प्रकाश को सौंपा। प्रो. आनंद जैव प्रौद्योगिकी विभाग से है एवं चाणक्य परिसर के निदेशक और डीएसडब्ल्यू जैसे महत्पूर्ण प्रशासनिक दायित्व का सफलता निर्वहन कर रहे थे।

इस समारोह में ही मंच पर दस्तावेज़ के आदान-प्रदान के परिणाम स्वरूप प्रो. आनंद प्रकाश ने एमजीसीयू के कार्यवाहक वीसी के रूप में कुर्सी संभाली।अपने भाषण में प्रो. आनंद प्रकाश ने कहा कि माननीय कुलपति प्रो. संजीव कुमार शर्मा जी के बारे में कुछ भी बोलना सूर्य को दीया दिखाने के समान होगा।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अकादमिक उत्कृष्टता के पथ पर एकजुट होकर आगे बढ़ेगा, जिसकी परिकल्पना और नेतृत्व प्रो. संजीव कुमार शर्मा ने सफलतापूर्वक किया है।विदाई भाषण में प्रो. संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि कुलपति की हैसियत से महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय की सेवा करने का अवसर देने के लिए भारत के राष्ट्रपति और भारत सरकार को धन्यवाद। उन्होंने कहा कि हालांकि बहुत कुछ हासिल किया गया है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।

प्रो. शर्मा ने विश्वास व्यक्त किया कि विश्वविद्यालय निरंतर प्रगति के लिए कड़ी मेहनत करना जारी रखेगा।  उनके कुशल पारदर्शी और साहसी नेतृत्व ने पांच साल पुराने विश्वविद्यालय को कई चुनौतियों से पार पाने नए मानक स्थापित करने और नई ऊंचाइयों तक पहुंचने में मदद की है। इस नए विश्वविद्यालय में उनके द्वारा स्थापित शैक्षणिक अनुसंधान और प्रशासनिक वातावरण ने हमारे द्वारा हासिल किए गए कई मील के पत्थर की नींव रखी।

उनका योगदान हमेशा अमूल्य और अविस्मरणीय रहेगा।कार्यक्रम में प्रो. राजेन्द्र बड़गुजर द्वारा प्रधान संपादित विश्वविद्यालय की वार्षिक पत्रिका 'ज्ञानाग्रह' का विमोचन  मंचासीन अतिथियों के कर-कमलों से सम्पन्न हुई। संचालन हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रो. अंजनी कुमार श्रीवास्तव ने की। कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभाग के शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों  की उपस्थिति रही।