टीबी के रोगियों का सरकारी अस्पताल में हो रहा है बेहतर इलाज- सिविल सर्जन 

टीबी के रोगियों का सरकारी अस्पताल में हो रहा है बेहतर इलाज- सिविल सर्जन 

प्रमोद कुमार 

मोतिहारी,पू०च०। 
बदलते मौसम का प्रभाव सामान्य लोगों के साथ किसी रोग से ग्रसित रोगियों पर ज्यादा देखने को मिलता है । इस मौसम में सर्दी, खांसी बुखार,बदन दर्द एवं वायरल रोगों के संक्रमण होने का खतरा बना रहता है। वहीँ टीबी के मरीज को इस मौसम में सावधानियां बरतनी चाहिए। क्योंकि ऐसे में उनके शरीर के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी के कारण उनकी तकलीफ औऱ भी बढ़ जाती है।

ऐसे में उन्हें सावधानी बरतनी चाहिए। यह कहना है पूर्वी चंपारण के सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार का । उन्होंने बताया कि टीबी को आमतौर पर क्षय रोग के नाम से जाना जाता है। जो जीवाणु के कारण शरीर में फैलता है । इसमें मरीज को 2 सप्ताह से ज्यादा खांसी, बुखार,छाती में दर्द ,वजन का घटना ,भूख में कमी, बलगम के साथ खून आने जैसे लक्षण पाए जाते हैं । ऐसे में मरीज को बिना देरी किए हुए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों पर जाकर मुफ्त में टीबी की जांच करानी चाहिए।

ताकि सही समय पर उनके अंदर मौजूद रोगाणु की जांच के बाद सही समय पर उनका इलाज हो सके । सही समय पर इलाज होने से यह बीमारी ज्यादा खतरनाक नहीं होती।जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ रंजीत राय ने बताया कि पूर्वी चंपारण के 27 प्रखंडों में टीबी की जांच, इलाज की मुफ़्त सुविधाएं उपलब्ध है ।

वहीं केंद्रों  में टीबी के मरीजों को दवाएं भी दी जा रही हैं। उन्होंने बताया कि पहले से जिले में टीबी के मरीजों में कमी आई है। लोगों में टीबी के प्रति जागरूकता भी फैली है। उन्होंने बताया कि कभी-कभी टीबी के अन्य लक्षण भी शरीर में होते हैं, जैसे बलगम कफ़ , वजन घटना, रात में पसीने होना भी होता है । वहीं उन्होंने बताया कि बलगम की सीबीनॉट से जांच की जाती है ।जो मरीज पहले से दवा खाए रहते हैं उनकी बलगम की जांच होती है । वहीं यह बीमारी शरीर के कई हिस्सों में हो सकता है ,

जैसे छाती, फेफड़ों, गर्दन, पेट आदि । टीबी का सही समय पर इलाज कराना चाहिए यह बहुत ही आवश्यक है।मोतिहारी टीबी अस्पताल में जांच कराने आए मरीज सत्य प्रकाश कुमार सिंह कोटवा प्रखंड निवासी ने बताया कि मैं 2 वर्ष पूर्व टीबी की बीमारी से संक्रमित हुआ। जांच में पता होने के बाद मैंने सरकारी अस्पताल में इसका इलाज करना शुरू किया हूँ।

अब दवा खाने पर काफी लाभ हुआ है। अब मुझे टीबी की बीमारी से कोई भय नहीं है।एक्सरे टेक्नीशियन ललित कुमार, सुपरवाइजर मुख्यालय नागेश्वर सिंह, अरविंद कुमार ने बताया कि टीबी का इलाज जिले में सरकारी एवं प्राइवेट क्लीनिक पर भी किया जा रहा है ।

उन्होंने बताया कि 1 जनवरी 22 से 25 फरवरी 22 तक जिले में सरकारी अस्पतालों में 339 मरीज एवं प्राइवेट अस्पतालों में 322 मरीज इलाज करा रहे हैं।जिला यक्ष्मा पदाधिकारी रंजीत राय ने कहा कि टीबी का इलाज संभव है। इससे न घबराए, जाँच जरूर कराएं।  उन्होंने बताया कि समय-समय पर जिले के विभिन्न प्रखंडों में टीबी बीमारी से बचाव के लिए जागरूकता अभियान का आयोजन भी किया जाता है।