हम सामाजिक दशाओं पर पुनर्विचार कर भविष्य को नयी दिशा प्रदान करेंगे -प्रो.संजीव कुमार शर्मा

हम सामाजिक दशाओं पर पुनर्विचार कर भविष्य को नयी दिशा प्रदान करेंगे -प्रो.संजीव कुमार शर्मा

प्रमोद कुमार 

मोतिहारी,पू०च०।
'अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस' के अवसर पर महात्मा गांधी केंद्रीय विद्यालय,बिहार एवं वैदेही महिला अध्ययन केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में सम्मान समारोह का आयोजन आचार्य बृहस्पति सभागार, महात्मा बुद्ध परिसर में किया गया।


कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.संजीव कुमार शर्मा ने की।अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए प्रो.संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि, भारत की चेतना 'मिथुनयुक्त' है।अर्धनारीश्वर' भाव से अनुप्राणित भारतभूमि सम्पूर्ण विश्व के लिए आदर्श है। आज हमारे समक्ष कुछ चुनौतियाँ हैं। वर्तमान की चुनौतियों को स्वीकारते हुए हमें सुरक्षित समाज बनाना है।

सृजन के विविध आयामों को समर्थ बनाते हुए समाज को गति प्रदान करना है।विश्वविद्यालय के वरिष्ठ आचार्य के रूप में प्रो.शहाना मजूमदार, अध्यक्ष,वनस्पति विज्ञान विभाग ने अतीत,वर्तमान और भविष्य के संदर्भों के साथ सभा को संबोधित किया। प्रो.मजूमदार ने कहा कि, लैंगिक समानता की अवधारणा मात्र किताबों का हिस्सा नहीं, बल्कि चेतना निर्मिति का सत्य है।

हमें इस सत्य को जीवन का अंग मानते हुए स्व-परिवर्तन से जुड़ना होगा।गार्गी,अपाला,लोपामुद्रा आदि की चेतना को फिर से जीवित करना होगा।
प्रारंभ में सभी का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की संयोजक सह केंद्र समन्वयक 'वैदेही महिला अध्ययन केंद्र' डॉ. सरिता तिवारी, ने केंद्र की स्थापना एवं लक्ष्य की मूलभूत भावना से सभी को परिचित कराया।

डॉ. तिवारी ने कहा कि, भारत की धरती समानता की धरती रही है। गार्गी,अपाला इसकी प्रमाण हैं। समय के साथ हमने आने वाली हर चुनौती का सामना किया है। भविष्य को 'शुभ सुंदर कोमल' बनाने के लिए हम कृतसंकल्पित हैं।

इस दौरान विश्वविद्यालय को अपनी सेवा से समृद्ध कर रही 'मातृशक्ति' शिक्षकों, सहयोगियों   को शॉल भेंट कर सम्मानित किया गया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. रश्मि श्रीवास्तव, सहायक आचार्य, शैक्षिक अध्ययन विभाग ने एवं कार्यक्रम का सफल, ओजस्वी संचालन डॉ. रश्मिता रे, सहायक आचार्य, समाजकार्य विभाग ने किया।