अडॉप्ट अ विलेज कार्यक्रम के तहत अधिकारी एवं कर्मी पहुंचे पंचायतों में
-एईएस/चमकी बुखार को लेकर चलाया सघन जागरूकता अभियान
प्रमोद कुमार
मुजफ्फरपुर। 30 अप्रैल
अडॉप्ट अ विलेज कार्यक्रम के तहत एईएस/चमकी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण के मद्देनजर गोद लिए हुए पंचायतों में पदाधिकारियों ने शनिवार को अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करते हुए चमकी को लेकर सघन जागरूकता कार्यक्रम चलाया।
अधिकारियों एवं कर्मियों द्वारा संबंधित पंचायतों में बैठक की गई। साथ ही महादलित टोलों में भ्रमण करते हुए बच्चों एवं अभिभावकों को चमकी को लेकर जागरूक किया। पंपलेट बांटे गए और पढ़कर भी सुनाए गए। संबंधित पदाधिकारियों एवं कर्मियों द्वारा आंगनवाड़ी केंद्रों समुदायिक भवन, स्वास्थ्य केंद्रों इत्यादि का भी निरीक्षण किया गया।
270 पंचायतों को गोद लिया गया है
मालूम हो कि एईएस/चमकी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर जिला पदाधिकारी के निर्देश के आलोक में प्रथम चरण में जिले के 270 पंचायतों को गोद लिया गया है। जहां प्रत्येक शनिवार को अधिकारी एवं कर्मी पहुंचते और एईएस/चमकी बुखार को लेकर उनके द्वारा सघन रूप से जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाता है।
शनिवार को जागरूकता को लेकर पंपलेट बांटे गए और पढ़कर सुनाए गए। संबंधित पदाधिकारियों एवं कर्मियों द्वारा आंगनवाड़ी केंद्रों,समुदायिक भवन, स्वास्थ्य केंद्रों इत्यादि का निरीक्षण किया गया।
जिलाधिकारी जागरूकता अभियान का अनुश्रवण कर रहे
जिलाधिकारी द्वारा जागरूकता अभियान का अनुश्रवण किया जा रहा है और साथ ही सभी वरीय पदाधिकारियों को लगातार निर्देशित किया जा रहा है। आगे आने वाले दिनों में जागरूकता अभियान को और भी गति दी जाएगी। माकूल चिकित्सीय व्यवस्था की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ समानांतर रूप से गांव, टोला और पंचायत स्तर पर सघन जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
जनवरी 2022 से लेकर अभी तक 24 मरीज सामने आए हैं, जिसमें 14 मुजफ्फरपुर जिले के और 10 अन्य जिलों के हैं। 24 मरीजों के विरुद्ध अभी तक 19 मरीज इलाज के उपरान्त स्वस्थ होकर अपने घर लौट चुके हैं।
कार्य में शिथिलता बर्दाश्त नहीं
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है कि एईएस/चमकी बुखार को लेकर किए जा रहे कार्य में शिथिलता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सभी प्रखंडों के वरीय प्रभारी पदाधिकारी प्रखंडों, पंचायतों एवं गांवों में एईएस/चमकी बुखार के निमित्त चलाए जा रहे विभिन्न जागरूकता संबंधी गतिविधियों का समुदाय पर किस स्तर तक सकारात्मक एवं निरोधात्मक प्रभाव पड़ा है इसका आकलन करें। किसी भी कमियों की पहचान करते हुए 3 दिनों के अंदर प्रतिवेदन उपलब्ध करने का भी निर्देश दिया।