चौपाल लगाकर समुदायों को एईएस चमकी पर जागरूक कर रहे हैं स्वास्थ्य कर्मी
जिले के हरसिद्धि, मोतिहारी के साथ अन्य प्रखण्डों में लग रहा है चौपाल
प्रमोद कुमार
मोतिहारी,पू०च०।
जिले के हरसिद्धि, मोतिहारी के साथ अन्य प्रखण्डों में चौपाल लगाकर ग्रामीण समुदायों के साथ क्षेत्र के स्कूली बच्चों को एईएस/चमकी से बचाव के तरीके समझाते हुए उन्हें स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा जागरूक किया जा रहा है। ताकि एईएस/चमकी के प्रभाव से बच्चों को बचाया जा सके।
जिले के हरसिद्धि प्रखण्ड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के पास पड़डीया गाँव के वार्ड - 9 दलित बस्ती में एईएस चमकी चौपाल का आयोजन किया गया।जिसमें आरबीएसके चिकित्सक डॉ जितेंद्र कुमार, डॉ. प्रभात कुमार, केयर इंडिया प्रखंड प्रबंधक विक्रांत कुमार,के द्वारा उपस्थित महिलाओं, बच्चों एवं पुरुषों को चमकी बुखार के लक्षण एवं पहचान, देखभाल के साथ बचाव के बारे में समझाया गया।
वहीँ नागरिकों के सहयोग से एईएस के लिए जन जागरूकता अभियान चलाने हेतु गाँव की अन्य महिलाओं एवम् पुरुषों के साथ आपस में चर्चा की गई। साथ ही बच्चों को बुखार लगने की स्थिति में नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में तुरंत लेकर आने की बात बतायी गई। ताकि सही समय पर पहचान कर इस बीमारी की पहचान कर तुरंत इलाज मुहैया कराई जा सके।
मोतिहारी सदर प्रखंड क्षेत्र के ढेकहा, पतौरा, नंदपुर के अलग अलग क्षेत्रों में विद्यालय जाकर आबीएसके चिकित्सक डॉ खालिद अख्तर, डॉ शिल्पी श्रीवास्तव द्वारा बच्चों को एईएस/ चमकी के लक्षण व इससे बचाव के तरीकों की जानकारी दी गई। चिकित्सकों ने बताया कि ज्यादा गर्मी और नमी के मौसम में इस बीमारी की तीव्रता बढ़ जाती है।
अतः इससे बचाव को जागरूकता बहुत जरूरी है। जागरूकता द्वारा बच्चों को सुरक्षित किया जा सकता है।जिला वेक्टर जनित रोग पदाधिकारी डॉ शरत चन्द्र शर्मा ने बताया कि एईएस का सही समय पर इसके लक्षण जानकर समय पर इलाज कराकर सुरक्षित रह सकते हैं। उन्होंने बताया कि लक्षण मिलते ही बच्चों को तुरंत सरकारी अस्पताल ले आएं।
बिल्कुल भी देरी न करें, अस्पताल से दूरी होने पर एम्बुलेंस किराए पर लेकर तुरंत पहुंचे। आने जाने का भाड़ा अस्पताल द्वारा दिया जाएगा।सीएस डॉ अंजनी कुमार ने बताया कि चूंकि गर्मी के मौसम में फल हो या खाना, जल्दी खराब हो जाते हैं।
इसलिए ध्यान रखें, बच्चों को ऐसी चीजों का सेवन न करने दें। साथ ही बच्चों को गंदगी से दूर रखें। खाना खाने से पहले और बाद में हाथों को अच्छी तरह से धुलाएं। जूठे,अधपके फल बच्चों को खाने से रोकें। साफ पानी पीने के लिए दें। इसके अलावा सबसे जरूरी बात कि उन्हें बाहर धूप में खेलने से मना करें। रात में भोजन अवश्य कराएं।