जीविका दीदी घर -घर जा कर चमकी बुखार के बारे में समुदाय को कर रही जागरूक
जीविका दीदी की भूमिका चमकी बुखार के प्रभाव को कम करने में अहम ।
जीविका दीदी अपनी जागरूकता से चमकी को दे रही धमकी।
जिले भर के 53 संकुल संघ और 2442 ग्राम संगठनों के समुदायों के बीच चलाया जा रहा है जागरूकता अभियान।
संवाददाता अतुल कुमार
बेतिया
चमकी बुखार के प्रति समुदाय को जागरुक करने के लिए जिले के सभी 53 संकुल संघों और 2442 ग्राम संगठनों में जीविका दीदियों द्वारा बड़े पैमाने पर जन जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। संकुल संघ एवं ग्राम संगठनों से संबद्ध जीविका मित्र, सी एन आर पी और एम आर पी, जीविका दीदियों और उस पोषक क्षेत्र के सभी लोगों को इस जानलेवा बीमारी जो खास कर 1-15 वर्ष के बच्चों को ज्यादा प्रभावित करता है के लक्षण बचाव और उपचार के बारे जानकारी दे रही है ।
मस्तिष्क ज्वर या चमकी बुखार के बारे में जीविका के प्रबंधक स्वास्थ्य पोषण एवं स्वच्छता सतीश कुमार ने बताया कि कम्युनिटी मोबिलाइजर द्वारा ग्राम संगठनवार घर-घर जाकर कर 1 से 15 आयु वर्ग के बच्चों का लाइन लिस्ट तैयार किया जा रहा है। ग्राम संगठन के स्वास्थ्य समिति के सदस्य द्वारा गृह भ्रमण कर चमकी बुखार के बारे में जानकारी दे रही हैं। सामुदायिक संघटकों द्वारा समुदाय को बताया जा रहा है
कि बच्चों को सोने से पहले ताजा भोजन भरपेट खिलाना चाहिए। बच्चों को देर तक सोने से बचाना चाहिए । बच्चों को सुबह -सुबह जगाना चाहिए, माताओं को यह देखना चाहिए के बच्चों में चमकी या बेहोशी के लक्षण तो नहीं है। ऐसा प्रतीत होने पर आशा दीदी से संपर्क कर नजदीकी अस्पताल अवश्य ले जाना चाहिए।
जिला परियोजना प्रबंधक अविनाश कुमार ने बताया कि इस बीमारी से बचने का सबसे आसान उपाय जन जागरूकता है। अपने बच्चों को धूप में नहीं जाने दें , बच्चों को दिन में दो बार स्नान कराएं और नींबू पानी या ओ आर एस का घोल एक नियमित अंतराल पर देते रहने से इस जानलेवा बीमारी से बहुत हद तक बचा जा सकता है।
इन्होंने बताया कि जागरूकता अभियान को और भी प्रभावी बनाने के लिए चमकी बुखार और उसके बचाव से संबंधित लघु फ़िल्मों को पीको प्रोजेक्टर के माध्यम से सभी संकुल संघ एवं ग्राम संगठनों में दिखाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त मस्तिष्क ज्वर से संबंधित जानकारी जीविका दीदियों को लीफलेट के माध्यम से भी दिया जा रहा है।
सभी जीविका मित्रों को संकुल संघ कार्यालय एवं ग्राम संगठन स्तर पर नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक, अनुमंडल अस्पताल के उपाधीक्षक तथा संबंधित पंचायत से सम्बध्द एम्बुलेंस और उसके चालक का नंबर सुरक्षित रखने की सलाह दी गयी है ताकि किसी भी आकस्मिकता से निबटा जा सके।