तालीमी बेदारी कॉन्फ्रेंस का इन्अकात किया गया
प्रकाश कुमार
पूर्वी चम्पारण/रक्सौल:- मोतिहारी के रक्सौल प्रखंड अन्तर्गत जोकियारी पंचायत के खिरलिचिया में जामिया दारुल उलूम के बैनर तले सोमवार को बाद नेमाज मगरिब एक रोजा अजीमुश्शान इजलासे आम, दस्तार बन्दी, इस्लाहे मोआशरा व तालीमी बेदारी कॉन्फ्रेंस का इन्अकात किया गया।
जलसे का सदारत(अध्यक्षता) जामिया अलइस्लामिया मझौलीया के नाजिम हज़रत मौलाना व मुक्ति जुनैद आलम साहब ने किया और मंच नेजामत (संचालन) मास्टर अशरफ ने किया। जलसे की शुरुआत कुरआनपाक की तिलावत से किया गया।
उसके बाद नाते रसुल पेश किया गया। नाते रसुल के बाद मौलाना अब्दुल मजीद चतुर्वेदी साहब ने वेद और कुरआन से अल्लाह की वहदानियत को साबित किया। उन्होंने कहा वेद और कुरआन का भासा और लिखावट अलग है, परन्तु माना एक ही है।
इस दौरान मुफ्ती जियाउल हक ने अपने ब्यान में कहा कि जामिया दारुल उलूम खिरलिचिया के बुनियाद सन 2009 में पड़ी, और इन्होंने मजमा से मुखातिब हो कर तालीम पे जोड़ देते हुए कहा कि आपलोग अपने बच्चो को तालीम और तरबियत दीजिए। उक्त अवसर पे मोकर्रिर उलमाए कराम मौलाना रिजवान साहब , हाफिज सफीउल्लाह साहब, मौलाना मिन्हाज साहब।
वहीं बाहर से आए हुए मेहमाने खुशुसी के इस्तकबाल के लिए इस्तकबालिया हाफिज अब्दुल कलाम साहब , मो० मिन्नतुल्लाह साहब, हाफिज इम्तियाज आलम साहब , ने शुरु से अंत तक मेहमान के इस्तकबाल खिदमत में डते रहें।
जलसा इंतजामिया कमिटी हाफिल सलीम साहब , सरपंच मुस्तजाब आलम, हाफिज हसमुल्लाह साहब, सुरेश यादव, हाफिज हामिद साहब, हीरालाल प्रसाद , अबुलैस साहब , सैफुल्लाह साहब, मौलाना फरीद साहब, अली असगर साहब, फिरोज आलम।