शारीरिक मानसिक और सामाजिक रूप से स्वस्थ रहना ही पूर्ण स्वास्थ्य है- डॉ. सोनाली गुप्ता
प्रमोद कुमार
मोतिहारी,पू०च०।
सेहत केन्द्र महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय द्वारा ’वूमेन हेल्थ एन्ड हाइजीन : इम्पैक्ट ऑन क्वालिटी ऑफ लाइफ” विषयक व्याख्यान का आयोजन किया गया । आज के इस व्याख्यान के संरक्षक महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय बिहार के यशस्वी कुलपति प्रो. आनन्द प्रकाश ने इसके सफल बनाने में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।
सेहत केन्द्र के समन्वयक तथा आज के इस कार्यक्रम के सूत्रधार प्रो. पवनेश कुमार, (अधिष्ठाता, पं. मदन मोहन मालवीय वाणिज्य एवं प्रबन्धन विज्ञान विभाग तथा समन्वयक-सेहत केन्द्र) ने ऑनलाइन माध्यम से जुडकर कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।आज के इस व्याख्यान की स्त्रोतविद् वक्त्री डॉ. सोनाली गुप्ता, ( एम.बी.बी.एस. एण्ड एम.एस.- कन्सल्टैण्ट जीनिकोलॉजिस्ट एण्ड इन्फरटाइलिटी स्पेशलिस्ट, पटना) ने ’वूमेन हेल्थ एन्ड हाइजीन : इम्पैक्ट ऑन क्वालिटी ऑफ लाइफ” विषय पर अपना महत्त्वपूर्ण व उपयोगी व्याख्यान प्रस्तुत किया।
डॉ. गुप्ता ने अपने वक्तव्य में मुख्य रूप से फिजिकल, मेण्टल और सेक्सुअल हेल्थ एवं उनसे जनित समस्याओं और निदानों पर चर्चा की। फिजिकल हेल्थ के सन्दर्भ में उन्होंने पर्सनल हाइजीन, डेण्टल हाइजीन, बॉडी हाइजीन, नेल हाइजीन आदि के विषय में विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुए इनकी सम्स्याओं तथा उपाय के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की।
अपने व्याख्यान में मेण्टल हेल्थ के विषय में बात करते हुए डॉ. गुप्ता ने बताया कि वर्तमान समय में मानसिक स्वास्थ्य की महती आवश्यकता है। इस सन्दर्भ में उन्होंने कोरोना काल के बुरे दौरे में मानसिक स्वास्थ्य के प्रभावित होने की बात की और बताया कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए नियमित प्राणायाम, ध्यान आदि अत्यन्त ही उपयोगी हैं।
उन्होंने बताया कि हमारे प्राचीन आयुर्वेद और मनोवैज्ञानिक ऋषियों व दार्शनिकों ने इस पर गहन चिन्तन किया है और योग जैसी विद्या का सृजन किया। अपने व्याख्यान में उन्होंने संकेत किया कि प्राणायाम, ध्यान आदि योग के अंग हैं और इन योगांगों के पालन करने से शारीरिक और मानसिक व्याधियों से मुक्त हुआ जा सकता है।
उन्होंने बताया कि योग एक जीवन पद्धति है, अत: इस जीवन पद्धति का सम्यक् पालन करने से व्यक्ति स्वस्थ रहते हुए दीर्घायु को प्राप्त कर सकता है। अपने उद्बोधन में डॉ. गुप्ता ने विशेष रूप से महिलाओं के सन्दर्भ में बात करते हुए मेण्टल हेल्थ और सेक्सुअल हेल्थ के प्रभावित होने की बात कीं और उन्होंने बताया कि कैसे मानसिक स्वास्थ्य और सेक्सुअल हेल्थ महिलाओं को प्रभावित करते हैं।
अपने वक्तव्य में उन्होंने बताया कि इन समस्याओं का निदान कैसे सम्भव है।आज के इस कार्यक्रम का संचालन प्रबन्धन विज्ञान विभाग, महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी के शोधच्छात्र सिद्धार्थ घोष ने किया। इस व्याख्यान में उपस्थित समस्त विद्वद्गणों, स्रोतविद् वक्त्री, तथा श्रोताओं का धन्यवाद ज्ञापन संस्कृत विभाग के सहायक आचार्य एवं सेहत केन्द्र, महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के सह-समन्वयक डॉ.बबलू पाल ने किया।
इस व्याख्यान में महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के विविध संकायों के अधिष्ठाता, अन्यान्य विभागों के विभागाध्यक्ष, आचार्यगण, सहायक आचार्यगण तथा छात्र एवं शोधच्छात्र उपस्थित रहे।