बाढ़ प्रभावित इलाकों में नौका पर अस्थायी अस्पताल और औषधालय की व्यवस्था

बाढ़ प्रभावित इलाकों में नौका पर अस्थायी अस्पताल और औषधालय की व्यवस्था

सत्येन्द्र कुमार शर्मा,

सारण :- इलाज और दवाओं की व्यवस्था को सुगम और सरल बनाने में महकमा जुट गया है।
जलजनित बीमारियों की रोकथाम की तैयारियां शुरू करने का निर्देश दिया गया है।
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने निर्देश जारी किया है।
 
 स्वास्थ्य विभाग कोरोना संकट के बाद भी संभावित बाढ़ और उससे उत्पन्न जलजनित बीमारियों को रोकने की तैयारी में जुट गया है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में इलाज और दवाइयां सुगमतापूर्वक उपलब्ध कराई जाएगी। इस दौरान लोगों को कोरोना गाइडलाइन के तहत मास्क, सामाजिक दूरी, सेनिटाइजर का उपयोग और कोरोना की जांच कराने की सलाह दी जाएगी। नौका पर अस्थाई अस्पताल और औषधालय की व्यवस्था रहेगी।

जो, बाढ़ के कारण सड़क का सम्पर्क टूट जाने और जलजमाव वाले इलाकों में भ्रमण करेगी। इस बाबत स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने सभी प्रमंडलीय आयुक्त, जिलाधिकारी और सिविल सर्जन को संभावित बाढ़ और उससे उत्पन्न होने वाली जलजनित बीमारियों की रोकथाम की तैयारियां पूरी कर लेने के निर्देश दिए हैं। 

बाढ़ आने पर भी उपलब्ध रहेगी चिकित्सीय सुविधा:
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, कोरोना को देखकर बाढ़ के समय होने वाली बीमारियों की रोकथाम में विभाग  किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतना चाहता है। इससे बाढ़ आने के पहले ही तमाम तैयारियां पूरी कर लेना चाहता है।

ताकि, बाढ़ आने पर प्रभावित इलाके के लोगों को सुगमतापूर्वक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सके। डीएम की अध्यक्षता में गठित महामारी रोकथाम समिति को बाढ़ और जलजमाव से उत्पन्न होने वाली बीमारियों के संभावित क्षेत्रों का पहले के अनुभव के आधार पर चिह्नित कर तत्काल उपचार और रोकथाम की कार्रवाई करने को कहा गया है। 

गठित होगा बाढ़ नियत्रंण अनुश्रवण कोषांग:
सभी जिले में डीएम के अधीन बाढ़ नियत्रंण अनुश्रवण कोषांग बनाने का निर्देश दिया गया है। उसी तरह से सिविल सर्जन के आधीन बाढ़ नियत्रंण अनुश्रवण कोषांग भी बनाया जाएगा। क्षेत्रीय अपर निदेशक, सिविल सर्जन, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी महामारी के समय में प्रभावित क्षेत्रों का सघन भ्रमण एवं स्वास्थ्य संबंधी किये जा रहे कार्यों का निरीक्षण और समीक्षा करेंगे। 


 सिविल सर्जन महामारी की रोकथाम के लिए मेडिकल कालेज से जूनियर डॉक्टर, पीजी के छात्र, पारा मेडिकल स्टाफ और स्वास्थ्य कर्मी की मांग प्राचार्य या अधीक्षक से कर सकते हैं। ये सभी महामारी खत्म होने तक सिविल सर्जन के अधीन कार्य करेंगे।  सभी मेडिकल कालेज अस्पताल और अस्पतालों में चलंत पैथोलॉजिकल दल का गठन किया जाएगा।

नवजात शिशुओं के लिए नियमित टीकाकरण की व्यवस्था: 

 इस दौरान नवजात शिशुओं के लिए नियमित टीकाकरण की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है। गर्भवती महिलाओं की पहचान पहले से करके डिलीवरी किट्स और मैटरनिटी हब की व्यवस्था कर लेने के निर्देश दिए गए हैं।  राज्य स्वास्थ्य समिति के आईडीएसपी पदाधिकारी जिलों से महामारी के समय में प्रभावितों, मृतकों की संख्या, दवा एवं सामग्रियों की अद्यतन स्थिति प्राप्त, समन्वय बनाये रखेंगे और विभाग स्तर पर गठित आपदा प्रबंधन कोषांग को जानकारी उपलब्ध कराएंगे।