स्वतंत्रता दिवस महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की निष्ठा, बलिदान और प्रतिज्ञा को याद करने का दिन-प्रो. संजय श्रीवास्तव

स्वतंत्रता दिवस महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की निष्ठा, बलिदान और प्रतिज्ञा को याद करने का दिन-प्रो. संजय श्रीवास्तव

स्वतंत्रता दिवस महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की निष्ठा, बलिदान और प्रतिज्ञा को याद करने का दिन-प्रो. संजय श्रीवास्तव

P9bihar news 


प्रमोद कुमार 
मोतिहारी। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय में 15 अगस्त को भारतीय स्वतंत्रता के 77वें वर्षगांठ के अवसर पर शानदार कार्यक्रम का आयोजन किया गया।  जिसमें देश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और राष्ट्रीय भावना को प्रकट करने की भावना थी। कार्यक्रम विवि के मुख्य परिसर गांधी भवन, बनकट में आयोजित हुआ। शुभारंभ मगांकेविवि के कुलपति द्वारा

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मूर्ति पर माल्यार्पण, झंडोंतोलन एवं राष्ट्रगान से हुआ।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव ने सभी शिक्षकगण, अधिकारीगण, कर्मचारी गणों एवं विद्यार्थियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी।

उन्होंने कहा कि आज का यह दिन गौरव, उत्सव एवं हर्षोल्लास का दिन हैं। महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की निष्ठाएँ और उनकी बलिदानी प्रतिज्ञा का उल्लेख करते हुए कहा कि हमें उनकी महानता को समझना और सत्याग्रह के माध्यम से स्वतंत्रता की मांग को पूरा करने के लिए उनके योगदान से प्रेरणा लेनी चाहिए।

उन्होंने विश्वविद्यालय के विकास की महत्वपूर्णता पर बल दिया और इसके साथ ही नई शिक्षा नीतियों के अनुकूलन का महत्व भी बताया। नई शिक्षा नीति को लागू किए जाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि इससे  विश्वविद्यालय अपने छात्रों को आधुनिक शिक्षा की सबसे उत्तम मानकों के साथ आगे बढ़ सकेगा।

उन्होंने नई शिक्षा नीतियों के साथ नवाचारी प्रौद्योगिकियों, यूपीआई भुगतान विधियों, भारत के सफल मंगलयान मिशन और कोविड काल में प्रबंधन का जिक्र किया।
महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय में 15 अगस्त का यह कार्यक्रम भारतीय इतिहास, संस्कृति और उपलब्धियों की विविधता को प्रकट करने वाली विभिन्न गतिविधियों की श्रृंगारिक स्थली थी। कार्यक्रम का संचालन कर रही डॉ. मनीषा रानी ने स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए विवि के छात्रों में देश प्रेम की भावना जागृत करने पर बल दिया। 


कुलपति के प्रेरणादायक भाषणों से लेकर आत्मा को छूने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां में नृत्य, नाटक, गायन एवं कविता पाठ ने सबका दिल जीत लिया। सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत अंग्रेजी विभाग की सुमेधा द्वारा गणेश वंदना से की गई, जिसने छात्रों को भारतीय संस्कृति की गहराइयों में ले जाने का एक अद्वितीय दृष्टिकोण प्रदान किया।

इसके साथ ही वाणिज्य विभाग के छात्र प्रियम ने वीर गीत "हे प्रीत जहाँ की रीत सदा" के माध्यम से राष्ट्रीय भावना को सहजता से प्रकट किया और सभी का मन मोह लिया। मीडिया विभाग की छात्रा पूजा, छात्र आशीष, और एमएससी विभाग की प्रियदर्शनी द्वारा "आए मेरे वतन के लोगो" गीत की प्रस्तुति की गई, जिसने उनके देशभक्ति के भाव को प्रकट किया।

बीटेक के छात्र आयुष ने "तेरी मिट्टी" गाने के स्वरों पर दिखाए गए नृत्य से सबका मन मोहा। हिंदी विभाग के छात्र ललन और मीडिया विभाग के छात्र आशीष, अनुपम, पूजा और राजनंदनी ने "बटोहिया" गीत के स्वरों में देश की एकता और समरसता को प्रकट किया।सांस्कृतिक कार्यक्रमों की महत्वपूर्ण प्रस्तुति "आज़ादी का सूरज" नामक लघु नाटिका के माध्यम से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की संघर्ष को जीवंत किया गया।

यह नाटिका न केवल ऐतिहासिक महत्वपूर्ण घटनाओं को दर्शाती है. सांस्कृतिक कार्यक्रम का संयोजन सांस्कृतिक समिति की समन्वयक डॉ. श्वेता ने की। सांस्कृतिक समिति की सदस्य डॉ. मनीषा रानी, डॉ. परमात्मा कुमार मिश्र, डॉ. अनुपम वर्मा ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी।कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन गाँधी भवन परिसर के निदेशक प्रो. प्रसून दत्त सिंह द्वारा किया गया।

उन्होंने आजादी के अमृत महोत्सव में मनाए जा रहे स्वतंत्रता दिवस पर विवि परिवार के सभी  शिक्षकों, अधिकारियों, शोधार्थियों, विद्यार्थियों एवं कर्मचारियों के प्रति आभार ज्ञापन की। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू प्रो. आत्रतरण पाल, मुख्य नियंता प्रो. प्रणवीर सिंह,

ओएसडी प्रशासन डॉ. सचिदानंद सिंह, डीडीयू परिसर निदेशक प्रो. पवनेश कुमार, ओएसडी वित्त प्रो. विकास पारीक, परीक्षा नियंत्रक प्रो. कृष्णकांत उपाध्याय,  अधिष्ठाता गण,  विभागाध्यक्ष गण, शिक्षकों, अधिकारियों, शोधार्थियों, विद्यार्थियों एवं कर्मचारियों की उपस्थिति रही।