दंत चिकित्सकों का क्षमता वर्धन कार्यशाला संपन्न 

दंत चिकित्सकों का क्षमता वर्धन कार्यशाला संपन्न 

दंत चिकित्सकों का क्षमता वर्धन कार्यशाला संपन्न 

P9bihar news 

सत्येन्द्र कुमार शर्मा

सारण:- 
गैर संचारी विभाग ने कार्यशाला आयोजित कर जिले के दंत चिकित्सकों को क्षमता वर्धन किया गया।प्राथमिक तौर पर दंत रोगियों का उपचार कर अपनी भूमिका का निर्वहन करें दंत चिकित्सक: एनसीडीओ 

दांतों और मसूड़ों की बीमारियों को मौखिक स्वच्छता से किया जा सकता है उपचार: डॉ सेबी 


जिले के दंत चिकित्सकों की क्षमता निर्माण को लेकर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन सदर अस्पताल परिसर स्थित जीएनएम स्कूल के सभागार में गैर संचारी विभाग द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ भूपेंद्र कुमार ने बताया कि सदर अस्पताल के ओपीडी में जनवरी महीने के दौरान दंत रोग के 966 रोगियों का उपचार किया गया है।

जिसमें 868 व्यक्तियों को प्रारंभिक जांच के बाद दवा दिया गया है, जबकि 27 मसूड़ों में चीरा लगा कर जिंजीवेक्टमी सर्जरी की गई है। वहीं एक्सट्रैक्शन के 29 तो 09 फाइलिंग, जबकि दांत रोग से संबंधित 7 मरीजों को रूट कैनाल यानी सर्जरी के दौरान दांत के अंदर की नसों और दांत के सूजन वाले हिस्से को हटाकर पूरी तरह से सील किया गया है। वहीं 12 रोगियों को मामूली रूप से ऑपरेशन कर ठीक किया गया है।

इस अवसर पर गैर संचारी रोग विभाग की फाइनेंस सह लॉजिस्टिक सलाहकार (एफएलसी) प्रियंका कुमारी, होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर की डॉ सेबी, सदर अस्पताल परिसर स्थित गैर संचारी रोग विभाग की परामर्शी नेहा कुमारी, सिफार के धर्मेंद्र कुमार रस्तोगी, डेटा ऑपरेटर राजीव नारायण गर्ग, होमी भाभा से जुड़े डेटा ऑपरेटर मंटू कुमार सहित ज़िले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों के चिकित्सा पदाधिकारी, दंत चिकित्सक सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी उपस्थित थे।


प्राथमिक तौर पर दंत रोगियों का उपचार कर अपनी भूमिका का निर्वहन करें दंत चिकित्सक: एनसीडीओ 
जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ भूपेंद्र कुमार ने उपस्थित सभी चिकित्सा पदाधिकारी और दंत रोग विशेषज्ञों से कहा कि यह एक संक्रामक बीमारी है जो मुंह में मौजूद कुछ बैक्टीरिया के कारण होती है। जिससे दांत के बाहरी सबसे अधिक सुरक्षात्मक परत (एनामेल) में खनिज की कमी के कारण विनाश होता है।

लेकिन यह पहली बार चॉक रंग के सफेद धब्बे के रूप में दिखाई देता है और दांत की सतह पर विवर का कारण बन सकता है। समय से अगर इसका इलाज नहीं किया जाए, तो इसमें दंत पल्‍प शामिल हो सकता है। जिस कारण दांत में गंभीर रूप से दर्द होने की संभावना प्रबल हो जाती हैं। जटिल स्वास्थ्य देखभाल समस्या वाले उम्रदराज़ दंत रोगियों की बढ़ती संख्या के निदान और उपचार की आवश्यकता को निश्चित रूप से उनका देखभाल होता है।

जिले के दंत चिकित्सक सीमित संसाधनों में उसका निवारण प्राथमिक तौर पर देखभाल करते हुए अपनी भूमिका निभा सकते है। क्योंकि अक्सर आप सभी उन रोगियों को देखते हैं जिनके पास कोई अन्य प्राथमिक देखभाल करने वाला नहीं है, और आम तौर पर बार- बार वापसी का समय निर्धारित करते हैं।


दांतों और मसूड़ों की बीमारियों को मौखिक स्वच्छता से किया जा सकता है उपचार: डॉ सेबी 
सदर अस्पताल परिसर स्थित होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर की डॉ सेबी ने कहा कि हम सभी को दांतों और मसूड़ों की बीमारियों, चोटों और विकृतियों की जांच, निदान और उपचार करना होता है। क्योंकि मौखिक स्वच्छता और दांतों को प्रभावित करने वाले तंत्रिका, गूदे और अन्य दंत ऊतकों की बीमारियों का इलाज दंत रोग विशेषज्ञ अपने चिकिसीय उपकरणों के माध्यम से देखभाल कर उसका ईलाज कर सकते है।

सदर अस्पताल में पूर्व से ही कैंसर ओपीडी सेवा संचालित है। हालांकि बायोप्सी सेवा का संचालन शुरू होने से संभावित मरीजों की समय पर जांच व उपचार मिलना शुरू हो गया है। लेकिन अब शुरुआती लक्षणों के आधार पर कैंसर रोग की पहचान करना आसान हो गया है। बायोप्सी सेवाओं का संचालन मुंह के कैंसर के संभावित मरीजों के लिए महत्वपूर्ण है। 

दंत रोग के कुछ सामान्य संकेत और लक्षण:
- मिठाई, गर्म और ठंडा भोजन के प्रति संवेदनशीलता।
- दांत पर चॉक रंग के सफेद, भूरे या काले धब्बे।
- दांतों के बीच भोजन के कण फंसना।

दंत रोग को कैसे करे रोकथाम:
- फ्लोरिडाइड टूथ पेस्ट के साथ दिन में दो बार अपने दांतों को ब्रश करें।
- मिठाई और चिपचिपे भोजन का कम उपयोग करें।
- अपने आहार में रेशेदार भोजन शामिल करें।
- नियमित रूप से मुख जांच के लिए प्रत्येक 6 महीने में अपने दंत चिकित्सक को दिखाएं।