सेंट्रल टीबी डिवीजन की ओर से बीएमजीएफ के सदस्यों ने किया क्षेत्र का दौरा

सेंट्रल टीबी डिवीजन की ओर से बीएमजीएफ के सदस्यों ने किया क्षेत्र का दौरा

सेंट्रल टीबी डिवीजन की ओर से बीएमजीएफ के सदस्यों ने किया क्षेत्र का दौरा

प्रमोद कुमार 

वैशाली। 
सेंट्रल टीबी डिवीजन की ओर से मंगलवार को बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन की टीम ने वैशाली जिले में टीबी पर चल रहे कार्यों का जायजा लिया। बीएमजीएफ की टीम सबसे पहले सेन्दुआरी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का दौरा कर रोगियों को मिलने वाली सुविधाओं का जायजा लिया। मौके पर मौजूद कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर कृष्णा कुमारी ने हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर टीबी में मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी दी।

मौके पर जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ श्यामनंदन प्रसाद ने कहा कि बीएमजीएफ की टीम ने प्राईवेट चिकित्सकों द्वारा निक्षय पोर्टल पर स्वयं ही प्रविष्टि करने पर प्रशंसा की। इसके बाद टीम दीघ्घी में टीबी पर प्राईवेट और पब्लिक सेक्टर के समन्वय के लिए काम कर रही डॉक्टर फॉर यू के डॉ शिव कुमार रावत तथा प्राईवेट चिकित्सक डॉ इंद्रमणि सिंह तथा डॉ केएन सिंह से टीबी के उन्मुलन और प्राईवेट -पब्लिक समन्वय पर विस्तार से चर्चा की।

डॉ श्यामनंदन प्रसाद ने कहा कि मैंने तथा डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि डॉ कुमार गौरव ने सभी एसटीएस तथा टीबी चौंपियन से जिले में चलरहे कार्यक्रम में आने वाली कठिनाईयों और चल रहे कार्यक्रम में सुधार की आवश्यकता पर भी मुआयना करने आए टीम के साथ विस्तार से चर्चा की। कहा कि हाजीपुर सदर प्रखंड में अभी टीबी के कुल 80 मरीज हैं वहीं सेन्दुआरी में कुल 8 मरीज है।

जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ श्याम नंदन प्रसाद ने कहा कि टीबी के मरीजों को पोषण के लिए भारत सरकार के प्रयास से निक्षया पोषण योजना के तहत 5 सौ रूपए दिए जाते हैं।डॉ एसएन प्रसाद ने बताया कि जिले में मर्म का ट्रायल चल रहा है। यह एक तरह का इलेक्ट्रानिक बॉक्स है जिसमें टीवी की दवा रखी रहती है। इसमें तीन अलग-अलग तरह की लाईट व अलार्म लगे होते हैं। हरी लाईट व अलार्म बताता है कि मरीज के दवा खाने का समय हो गया है।

दवा खाने के लिए अगर मरीज बॉक्स को खोलता है तो उसे कम से कम बॉक्स को एक मिनट तक खुला छोड़ना चाहिए। इससे यह डिजिटल रिकॉर्ड में सेव हो जाता है। बॉक्स पर लगी पीली लाइट से दवा खत्म होने का पता चलता है। वहीं अगर बॉक्स की बैट्री खत्म हो रही हो तो लाल लाइट व अलार्म से संकेत मिलता है। फिलहाल मर्म बॉक्स को नए मिलने वाले मरीजों को हीं दिया जाना है।

इसके अलावा 99 डॉट्स कार्यक्रम से भी ऐसे रोगियों को फायदा मिलेगा। इस कार्यक्रम के तहत टीवी की दवा के पीछे एक टॉल फ्री नंबर लिखा गया है। मरीज दवा खाने के बाद इस टॉल फ्री नंबर पर अपने निबंधित सेलफोन से कॉल कर दवा खा लेने के बाबत जानकारी दर्ज करा सकेंगे।