बच्चों को पल्स पोलियो का खुराक पिलाकर सिविल सर्जन ने किया अभियान की शुरुआत
प्रमोद कुमार
वैशाली
रविवार को हाजीपुर सदर असपताल प्रसव कक्ष परिसर द्वार के सामने नवजात बच्चों को दवा पिलाकर सिविल सर्जन डॉ अखिलेश कुमार मोहन ने किया प्लस पोलियो अभियान की शुरुआत।
उन्होने कहा कि इस अभियान के तहत 27 फरवरी से 3 मार्च तक घर घर जाकर टीम द्वारा 0 से 5 वर्ष के बच्चों को दवा की खुराक पिलाया जाएगा। अगले दिन छूटे हुये बच्चों को खुराक दी जायेगी।
उपाधीक्षक डॉ एसके वर्मा ने कहा कि इस अभियान के तहत अधिक से अधिक बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाने का लक्ष्य रखा गया है। अभियान के सफल कार्यान्वयन को लेकर माइक्रो प्लान बनाया गया है। इसके तहत टीम बनायी गयी है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ उदय कुमार सिन्हा ने बताया कि पोलियो एक गंभीर बीमारी है, जो किसी व्यक्ति के शरीर को लकवाग्रस्त कर देता है।
चूंकि छोटे बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम होती है इसलिए उसे इस बीमारी से संक्रमित होने का खतरा ज्यादा होता है। इसे होने से पहले ही खत्म कर देने के लिए पांच वर्ष तक के बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जायेगी। उन्होंने जिले के सभी परिजनों से अपने बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए उन्हें पोलियो की दवा पिलाकर अभियान को सफल बनाने में जिला स्वास्थ्य विभाग का सहयोग करने की अपील की।
इस अवसर पर उपाधीक्षक सदर अस्पताल हाजीपुर डॉ एसके वर्मा , जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी उदय कुमार सिन्हा, यूनिसेफ के जिला कोऑर्डिनेटर मधुमिता कुमारी, डब्ल्यू एच ओ के डॉक्टर श्वेता राय, मॉनिटर दीपक कुमार बलवंत कुमार सहित संबंधित अन्य पदाधिकारीगण सुरेंद्र कुमार सचिव ग्रामीण चिकित्सा कल्याण सहित जिले के सभी पदाधिकारी एवं स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे।
पोलियो अभियान के साथ- साथ टीकाकरण को ले सर्वे किया जायेगा। बताया कि घर- घर जाने वाली आंगनबाड़ी सेविका व आशा को टीकाकरण के लिये सर्वे कार्य करने को कहा गया है। कहा कि निर्देशानुसार दोनों अभियान साथ- साथ चलाया जायेगा। ताकि छूटे हुये 15 से 17 साल के किशोरों को भी टीकाकृत किया जा सके।
बताया कि प्रत्येक दल में एक आशा और एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं जो घर- घर जाकर बच्चों को पोलियो की दवा पिलएंगी। दवा पिलाने के बाद बच्चों के और उनके माता -पिता का नाम, गृह संख्या आदि फार्म में भर कर अपने केंद्र में जमा करवायेंगी।पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान के दौरान कोविड संक्रमण से बचाव का पूरा ध्यान रखा जाएगा। कर्मियों द्वारा दवा पिलाने के समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा। स्वास्थ्य कर्मियों को पूरी तरह से मास्क व ग्लब्स का उपयोग करने के लिए निर्देशित किया गया है।