आईडीए कार्यक्रम की हुई शुरुआत 44 लाख लोगों को दी जाएगी फलेरिया रोजी दवा
आईडीए कार्यक्रम की हुई शुरुआत 4400000 लोगों को दी जाएगी फलेरिया रोजी दवा
आइडीए कार्यक्रम की हुई शुरुआत 44 लाख लोगों को दी जाएगी फाइलेरिया रोधी दवा की खुराक
- शुक्रवार से 14 दिन चलेगा आईडीए अभियान
- उद्घाटन में मौजूद लोगों ने खाई फाइलेरिया रोधी खुराक
- एडवर्स रिएक्शन से घबराने की जरूरत नहीं
P9bihar news
वैशाली ।
फाइलेरिया उन्मूलन के लिए चलाए जाने वाले सर्वजन दवा सेवन के तहत आइडीए अभियान की शुरुआत शुक्रवार को सदर अस्पताल परिसर से हुई। जिला प्रशासन एवं जिला स्वास्थ्य समिति के तत्वाधान में आयोजित शुभारंभ कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने फाइलेरिया रोधी दवा की खुराक खाकर इसे सुरक्षित बताया। शुभारंभ के दौरान प्रशिक्षु आइएएस निशा ग्रेवाल ने कहा कि आशा दीदी के द्वारा यह फाइलेरिया रोधी दवा लोगों के घर -घर जाकर खिलाई जाएगी। दवा खाने पर कुछ प्रतिकूल प्रभाव भी हो सकते हैं, हालांकि यह तात्कालिक हैं।
इसके निवारण के लिए प्रत्येक प्रखंड स्तर पर रैपिड रिस्पांस टीम की तैनाती की गयी है, जिनका नंबर प्रत्येक ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर के पास मौजूद है। इस बीमारी के उन्मूलन के लिए व्यापक दृष्टिकोण अपनाते हुए हर आयाम पर पूरी तैयारी की गयी है। शुभारंभ के दौरान जिला भीबिडीसी पदाधिकारी डॉ सत्येंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि फाइलेरिया से बिहार के सभी जिले प्रभावित है। जिसमें वैशाली भी शामिल है। उन्होने दवा की डोज, दवा कैसे खिलानी है, दवा खिलाने के बाद दवा का प्रतिकूल प्रभाव और जिले के माइक्रो प्लान के बारे में विस्तार से बताया गया।
14 दिनों में 44 लाख लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य:
शुभारंभ के दौरान डॉ सत्येंद्र ने कहा कि जिस लक्षित आबादी को ट्रिपल ड्रग थेरेपी की जो खुराक खिलाई जाएगी उसमें ग्रामीण क्षेत्रों में 40 लाख 70 हजार छह सौ 68 तथा शहरी क्षेत्रों में तीन लाख दो हजार एक सौ एक है। दवा खिलाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 1729 टीम तथा शहरी क्षेत्रों में 121 टीम मूव करेगी। वहीं इनकी मॉनिटरिंग के लिए 185 सुपरवाइजर लगाए गए हैं। वहीं किसी भी एडवर्स रिएक्शन से निपटने के लिए रैपिड रिस्पांस टीम का भी गठन किया गया है। इसके अलावा जिला स्तर पर कंट्रोल रूम की व्यवस्था की गयी है जिसका नंबर 8779228107 तथा 7004883009 है। कुल 14 दिनों के इस अभियान में 12 दिन दवा खिलाई जाएगी। वहीं सातवें और 14 वें दिन छूटे हुए लोगों को दवा की खुराक खिलाई जाएगी। सभी ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर को यह सख्त आदेश दिया गया है कि किसी भी कीमत पर दवा को बांटा नहीं जाएगा बल्कि इसे सामने ही लोगों को खिलाया जाएगा। दवा कभी भी खाली पेट में नहीं खिलाई जाएगी। इसके अलावा गंभीर रोगी, दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं को यह दवा नहीं खिलाई जाएगी।
डोज पोल के मुताबिक दवा:
डॉ सिंह ने कहा कि इस अभियान में लोगों को तीन दवा आइवरमेक्टिन, डीईसी और एल्बेंडाजोल की गोली दी जाएगी। जिसमें आइवरमेक्टिन की गोली को पांच वर्ष और 90 सेमी से ऊपर के लोगों को ही खिलाई जाएगी। वहीं डीईसी की गोली उम्र के अनुसार दी जाएगी, एल्बेंडाजोल की एक ही गोली लोगों को मिलेगी, जिसे उन्हें चबाकर खाना होगा।
दवा खाने पर चक्कर या उल्टी मतलब माइक्रो फाइलेरिया की शरीर में उपस्थिति:
शुभारंभ के दौरान डॉ सिंह ने कहा कि फाइलेरिया रोधी खुराक के शरीर में जाने पर माइक्रोफाइलेरिया नष्ट होने लगते हैं। जिससे शरीर में कुछ अवांछनीय प्रभाव हो सकते हैं, जिसमें उल्टी, चक्कर, सिर दर्द जैसे लक्षण हो सकते हैं। पर इससे घबराने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। यह स्वयं एक दो घंटे में खत्म हो जाता है।
शुभारंभ सह कार्यशाला के दौरान केयर इंडिया डीटीएल सुमीत कुमार, डब्लूएचओ के प्रतिनिधि समेत अन्य लोग मौजूद थे।