1942 क्रांति के अमर शहीदों को सांस्कृतिक यात्रा के रंगकर्मियों द्वारा नमण

1942 क्रांति के अमर शहीदों को सांस्कृतिक यात्रा के रंगकर्मियों द्वारा नमण

परशुराम सिंह, जलालपुर,

सारण ;- सांस्कृतिक यात्रा के रंगकर्मियों ने ढाई आखर प्रेम का संदेश लेकर 1942 क्रांति के अमर शहीदों को  नमन किया गया।


प्रखंड के दाऊदपुर में आजादी के 75वें वर्ष पर ढाई आखर प्रेम का संदेश लेकर चली इप्टा की राष्ट्रीय सांस्कृतिक यात्रा 1942 क्रांति के अमर योद्धा शहीद छठू गिरि, फागू गिरि एवं कामता गिरि के स्मारक स्थल दाऊदपुर पहुंची जहां शहीद स्मारक समिति से जुडे पदाधिकारियों द्वारा गाजे-बाजे ढोल के साथ फूल माला पहनाकर के शहीद ग्राम के ग्रामीणों की भारी भीड़ के बीच उपस्थित रंगकर्मियों का जोरदार स्वागत किया गया।

तत्पश्चात राष्ट्रीय टीम के रंगकर्मियों ने शहीद स्तंभ पर पुष्प अर्पित कर शहीद ग्राम की मिट्टी को अपने पात्र मे रखा।इस अवसर पर शहीद स्मारक समिति के अध्यक्ष शारदानंद सिंह एवं सचिव सुमन गिरि ने आगत बुद्धिजीवयों, रंगकर्मियों का स्वागत करते हुए अपने संबोधन में कहा कि आजादी, बराबरी, झूठ, नफरत एवं हिंसा के खिलाफ और जनसंस्कृति की हिफाजत के लिए चल रही सांस्कृतिक यात्रा बदलते राजनैतिक परिवेश में मील का पत्थर साबित  होगी.

साथ ही राष्ट्रीय स्तर के प्रसिद्ध रंगकर्मी तनवीर अख्तर ने कहा कि -ढाई आखर प्रेम की यह यात्रा दर असल स्वतंत्रता-संग्राम के गर्भ से निकले स्वतंत्रता, समता, न्याय, बंधुत्व के उन मूल्यों के तलाश की यात्रा है जो आज नफरत ,वर्चस्व और दंभ के"तुमूल कोलाहल"में डूब से गये है।यह यात्रा उन तमाम शहीदों, समाज सुधारकों ,भक्ति आंदोलन एवं सूफीवाद के पुरोधा-पुरखों का सादर स्मरण है

जिन्होंने भाषा, जाति, लिंग और धार्मिक पहचान से इतर मानव मुक्ति एवं प्रेम को अपना आदर्श घोषित किया।मौके पर उपस्थित शहीद स्मारक समिति के संयोजक सह शिक्षक नेता उदय शंकर गुड्डू, शिवनाथ पुरी, कन्हैया यादव, नागेंद्र गिरि, रजनीश कुमार सिंह, का.अरुण कुमार के अलावे राजकीयकृत प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष डा.राजेश यादव ने भी अपने संबोधन में कहा कि "ढाई आखर प्रेम"की सांस्कृतिक संदेश यात्रा नफरत के बरक्स प्रेम ,दया,करुणा, बंधुत्व, समता और न्याय से परिपूर्ण हिन्दुस्तान के स्वप्न को समर्पित है

जिसे बनाये रखने में हम सभी शिद्दत से समर्पित है।इस बीच सांस्कृतिक यात्रा के रंगकर्मियों ने ढाई आखर प्रेम का संदेश गीत-हम भारत से नफरत का हर दाग मिटाने आए है के साथ शहीदों को समर्पित "फांसी का फंदा झूल गया मस्ताना भगत सिंह" जैसे क्रांतिकारी शहीद गीत प्रस्तुत कर समस्त दर्शकों एवं ग्रामीणों को झूमने पर मजबूर कर मजबूत संदेश दिया।