शराब बंदी की धज्जियां उड़ाई संदिग्ध मौतें
सत्येन्द्र कुमार शर्मा
सख्ती से शराब बंदी और संदिग्ध मौतें शराब बंदी कानून के अमली जामा के सच्चाई को उजागर कर रहा है।
होली मेंं एक बार फिर खोलकर रख दी शराबबंदी की पोल को तीन जिलों में 19 लोगों की जान गई है।
बिहार में शराबबंदी के दावों की पोल इस बार होली के पर्व ने खोलकर रख दी है।
बिहार के अलग-अलग जिलों से शराबबंदी कानून की सख्ती से अनुपालन के बावजूद शराब पीने के कारण तकरीबन 19 लोगों की मौत हो चुकी है। भागलपुर बांका और मधेपुरा में तो कई लोगों की जहरीली शराब ने जान ले ली है। इन सब लोगों की मौत शराब पीने के कारण से हुई बताई जा रही है। वगैर अधिकारिक पुष्टि के सोशल मीडिया पर इस खबर की तेजी से प्रसार किया जा रहा है।अब तक इस तरह के सनसनी खेज की पुष्टि नहीं की जा रही।
जबकि संदिग्ध हालत में भागलपुर जिले के अंदर 7 लोगों की मौत हुई है जबकि बांका जिले में 8 और मधेपुरा जिले में 4 लोगों की जान चली गई है।
बांका जिले के अमरपुर थाना क्षेत्र में रविवार को अलग-अलग गांवों में संदिग्ध अवस्था में आठ लोगों की मौत हो गई। सुत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सभी लोगों में एक जैसे लक्षण सभी के पेट दर्द, उल्टी होना एवं आंखों की रोशनी चले जाने की शिकायत की गई है। कुछ लोगों को इलाज के लिए रेफरल अस्पताल लाया गया जबकि कुछ को भागलपुर रेफर किया गया जहां उनकी मौत हो गई।
उसी प्रकार भागलपुर जिले में सात लोगों की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गयी है। स्थानीय लोग शराब पीने से मौत होने की बात कह रहे हैं। हालांकि प्रशासन इसकी पुष्टि नहीं कर रहा है। साहेबगंज मोहल्ले में पांच की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गयी है। इसमें एक की शनिवार की शाम और चार की रविवार की सुबह मौत हुई है। इसके अलावा नारायणपुर प्रखंड में भी दो लोगों की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गयी है। एक की मौत शनिवार की शाम और दूसरे की मौत रविवार की सुबह हुई है। चार लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।
मधेपुरा जिला के मुरलीगंज में 4 लोगों की संदिग्ध मौत हो गयी है। बताया यह भी जा रहा है कि ये मौतें जहरीली शराब से हुई है। जानकारों का माने तो होली में जहरीली शराब पीने से 22 लोग बीमार हुए। जिन्हें बारी-बारी से मुरलीगंज पीएचसी और निजी अस्पतालों में इलाज के लिए ले जाया गया। 3 मृतक एक गावँ दिग्घी के बताए जा रहे हैं जबकि एक मुरलीगंज मुख्य बाजार के वार्ड 9 के निवासी हैं। हालांकि शराब से मौत के बारे में पुलिस और परिजन इंकार कर रहे हैं। लेकिन प्रत्येक शवों को पुलिस द्वारा आनन फानन में रात के अंधेरे में जलाया गया है जो जानकारों की बात को सही ठहरा रहा है।