शिव की पूजा ईशान कोण के तरफ मुंह करके करें तो मनोकामनाएं पूर्ण
सत्येन्द्र कुमार शर्मा
शिवरात्रि का व्रत, पूजन, जागरण और उपवास करनेवाले मनुष्य का पुनर्जन्म नहीं होता है। स्कंद पुराण में उल्लेख किया गया है।
शिवरात्रि के दिन के पूजन से पाप और भय दोनों मिट जाता है। ऐसा कोई दूसरा व्रत नहीं है। इस व्रत को करने मात्र से सब पापों का क्षय हो जाता है। शिव पुराण में उल्लेख किया गया है।
शिवरात्रि के दिन करने योग्य विशेष बातें
शिवरात्रि के दिन की शुरुआत इस श्लोक को बोल के शुरू करें :-
"देव देव महादेव नीलकंठ नमोस्तुते l
कर्तुम इच्छा म्याहम प्रोक्तं, शिवरात्रि व्रतं तव ll"
काल सर्प के पूजन के लिए महाशिवरात्रि के दिन घर के मुख्य दरवाजे पर पिसी हुई हल्दी से स्वस्तिक का चिह्न बना देना चाहिए।
शिवलिंग पर दूध और बिल्व पत्र चढ़ाकर जप करना और रात को ईशान कोण में मुख करके जप करना उत्तम होता है l
शिवरात्रि के दिन ईशान कोण में मुख करके जप करने की विषेश महिमा है।क्योंकि ईशान के स्वामी शिव जी हैं l शिवरात्रि को रात में जप करें।ईशान को दिया जलाकर पूर्व के तरफ रखें , लेकिन हमारा मुख ईशान में हो तो विशेष लाभ होता है l जप करते समय झोका आये तो खड़े होकर जप करना चाहिए।
संवाद संकलन सहयोगी अमिताभ पाण्डेय अध्यात्म के ज्ञाता अवकाश प्राप्त शाखा प्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक।