24 सप्ताह तक का गर्भ समापन कानूनी रूप से वैध

24 सप्ताह तक का गर्भ समापन कानूनी रूप से वैध

24 सप्ताह तक का गर्भ समापन कानूनी रूप से वैध

सत्येन्द्र कुमार शर्मा, सारण :-
सुरक्षित गर्भपात पर प्रशिक्षण दिया गया।अविवाहित महिलाओं को भी गर्भ समापन सेवाएं दी जा सकेंगी।गोपनीयता को कड़ाई से बनाए रखा जाना आवश्यक है।

छपरा जिले में सुरक्षित गर्भपात को बढ़ावा देने तथा जन समुदाय में जागरूकता लाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का क्षमता वर्धन किया जा रहा है। इसी कड़ी में रिविलगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आशा दीदी के बैठक में सुरक्षित गर्भपात की जानकारी दी गयी।

वहीं मांझी में आंगनबाड़ी सेविकाओं को प्रशिक्षण दिया गया।  विशेष श्रेणी के महिलाओं के गर्भ समापन की अवधि 20 से 24 सप्ताह तक बढ़ाए जाने की कानून  संसोधन के बारे में आईपास डेवलपमेंट फाउंडेशन के  पदाधिकारी राजीव कुमार गुप्ता और अभी रंजन, सांझा प्रयास नेटवर्क   के साथ विशेष बैठक के दौरान जानकारी प्रदान की। जानकारी दी कि 1971 से पूर्व किसी भी प्रकार का गर्भ समापन अवैध माना जाता था। गर्भ समापन के लिए बड़ी कठिनाइयां होती थी।

अनेक तरह के घरेलू उपायों से गर्भ समापन करने को प्रक्रिया में महिलाओं की मृत्यु हो जाती थी। उसे रोकने के लिए 1971 में मे एमटीपी एक्ट बना। इसके बाद से सुरक्षित गर्भ समापन की प्रक्रिया शुरू हुई। अज्ञानता के कारण तथा सरकारी अस्पतालों में सुविधा नहीं होने के कारण गर्भवती महिलाओं को मृत्यु दर में कमी नहीं हो रही थी।

उन्होंने बताया कि 1971 के प्रावधानों के अनुसार गर्भ समापन कई शर्तों के साथ वैध माना गया, लेकिन इससे भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा था। इसलिए एमटीपी एक्ट में संशोधन किया गया। जिससे 20 सप्ताह तक अब 24 सप्ताह तक के गर्भ को कानूनिनी शर्तों के अनुसार समापन कराया जा सकता है।

भ्रूण विकृति के मामलों में गर्भावस्था के दौरान किसी भी समय गर्भ समापन मान्य: 
प्रशिक्षण दे रहें राजीव गुप्ता ने  बताया कि पर्याप्त भ्रूण विकृति के मामलों में गर्भावस्था के दौरान किसी भी समय गर्भ समापन को मान्य किया गया है। किसी भी महिला या उसके साथी के द्वारा प्रयोग किए गए गर्भनिरोधक तरीके की विफलता की स्थिति में अविवाहित महिलाओं को भी गर्भ समापन सेवाएं दी जा सकेंगी।

गोपनीयता बनाये रखना जरूरी:
 20 सप्ताह तक एमटीपी के लिए एक आरएमपी और 20 से 24 सप्ताह के लिए दो आरएमपी की राय चाहिए। इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि गोपनीयता को कड़ाई से बनाए रखा जाना आवश्यक है। इस कार्यक्रम में आशा मैनेजर राजेश सिंह एवं बीसीएम धनंजय  कुमार ने भाग लिया।