जिले में कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम की हुईं शुरुआत

जिले में कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम की हुईं शुरुआत

05 अप्रैल से अगले 60 दिनों तक जिले के 26 प्रखंडों में सिथेटिक पाइरोथाइराइड का छिड़काव होगा

प्रमोद कुमार 

मोतिहारी,पू०च०। 
जिले में कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम के तहत कालाजार के मामलों पर नियंत्रण के लिए कीटनाशक दवाओ के छिड़काव कार्यक्रम की मंगलवार को तेतरिया से शुरुआत की गई। सिविल सर्जन व वेक्टर जनित रोग पदाधिकारी द्वारा कालाजार नियंत्रण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया है। जो जिले के प्रभावित प्रखण्डों व क्षेत्रों में चलेगा। सीएस ने बताया कि सभी प्रखण्डों के स्वास्थ्य केंद्रों को दवा, बैनर, पोस्टर उपलब्ध कराई जा रही है।

वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शरतचंद्र शर्मा ने  बताया कि यह अभियान 05 अप्रैल से अगले 60 दिनों तक जिले के 26 प्रखंडों के चिह्नित 140 पंचायतों के 159 गाँवों में संचालित होगा। जिले में कालाजार के मामलों में क्रमश: कमी आ रही है। वर्तमान में जनवरी 2022 से आजतक 12 भीएल एवं 4 पीकेडीएल के मरीज  पाए गए हैं ।

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शर्मा ने बताया कि पूर्वी चंपारण के कुल 2 लाख घरों को छिड़काव से आच्छादित किया जाना है। कालाजार से मुक्त करने की दिशा में स्वास्थ्य कर्मी व विभागीय अधिकारी सक्रिय हैं।

इसके लिए महादलित बस्तियों एवं झुग्गी-झोपडी में कालाजार से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ सिंथेटिक पाइरोथाइराइड कीटनाशकों का छिड़काव किया जाएगा। कालाजार को जड़ से समाप्त करने व छिड़काव की गुणवत्ता के लिए प्रखंड स्तर पर बैठक के आयोजन के साथ कर्मियों का प्रशिक्षण करा दिया गया है। ताकि जिले से कालाजार खत्म हो सके।


मौके पर जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शरतचंद्र शर्मा, भीडीसीओ धर्मेंद्र कुमार, केयर के मुकेश कुमार, भीडीसीओ कंसल्टेंट अभिषेक कुमार ने छिड़काव दल को कई आवश्यक सुझाव दिए।जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ.  शर्मा ने बताया कि कालाजार की बीमारी से बचाव के लिए 05 अप्रैल से अगले 60 दिनों तक जिले के 26 प्रखंडों में सिथेटिक पाइरोथाइराइड का छिड़काव किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि जिले में पर्यवेक्षक टीम का गठन किया गया है जो छिड़काव कार्य का सतत अनुश्रवण करेगी। उन्होंने बताया कि पहले कीटनाशक दवा का छिड़काव दीवार पर छह फुट तक होता था, अब वह पूरी दीवार पर होगा। ताकि बालू मक्खी मर जाए।  प्रखंड स्तर पर जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा।