अभिलंब 2021 की जनगणना जातीय आधार पर की जाए प्रेस वार्ता में महापौर प्रत्याशी ने रखी बात

अभिलंब 2021 की जनगणना जातीय आधार पर की जाए प्रेस वार्ता में महापौर प्रत्याशी ने रखी बात

अभिलंब 2021 की जनगणना जातीय आधार पर की जाए प्रेस वार्ता में महापौर प्रत्याशी ने रखी बात

रिपोर्टर अतुल कुमार 

बेतिया। देश में पहली जातीय जनगणना भारत रत्न डॉ भीमराव अंबेडकर के दबाव में 1931 में हुई।जिसमें ओ.बी.सी. 52% एस. सी. 15.5% एस. टी. 7% का आंकड़ा  आया। आज भी उसी आंकड़ा पर भारत सरकार कार्य कर रही है ,जो खेद का विषय है। देश के सारे योजना आयोग उसी आधार पर पंचवर्षीय योजनाएं बनाती है जोकि सरासर असंवैधानिक एवं लोगों के साथ धोखा है।

आज  91 वर्षो के बाद बिहार की राज्य सरकार नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बिहार सरकार के नेतृत्व में सर्वदलीय बैठक कर जातीय जनगणना कराने का निर्णय लिया गया है, जो पूरे देश के लिए अनुकरणीय है, प्रबुद्ध भारती, भारत सरकार से मांग करती है, कि देश के मूल निवासियों के साथ उनके संवैधानिक अधिकारों का ख्याल करते हुए अभिलंब 2021 की जनगणना जातीय आधार पर की जाए जिसकी प्रतिबद्धता भी गुह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने  लोकसभा मे 2018 में किया था।

प्रेस वार्ता में प्रबुद्ध भारती के जिला संयोजक हरिशंकर प्रसाद एवं प्रदीप श्रीवास्तव रहे राष्ट्रीय मूलनिवासी संघ की तरफ से मनोज बरनवाल  एवं राजकुमार ठाकुर रहे। प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए वेतिया नगर निगम के महापौर के भावी प्रत्याशी मिसाइल इंजीनियर विजय कश्यप ,भारत सरकार ,बिहार सरकार पर आंकड़ों को छुपा कर जनता के साथ बजट में घोटाला करने का भी आरोप लगाया , बेटिया नगर निगम की सारी योजनाएं 2011 की जनसंख्या के आधार पर की जा रही है,

जबकि जनसंख्या डेढ़ गुनी बढ़ चुकी है, ऐसे में सारी सुविधाओं को कम तादाद में भेज कर बिजली पानी से लेकर चिकित्सकीय सुविधाओं शिक्षा से लेकर आवागमन की सुविधा तक में, कटौती किया जाना यह लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ एवं संवैधानिक अधिकारों का हनन है तथा जनता के साथ धोखा है।