ईश्वरीय सत्ता के प्रति समर्पित आस्था से मनुष्य के उत्तम होते हैं संस्कार और विचार:गरिमा
ब्रह्मलीन महर्षि देवराहा बाबा मंदिर के अखंड अष्टयाम महायज्ञ में पहुंचीं निवर्त्तमान सभापति
मानस सत्यसंग आश्रम के सदस्य श्रद्धालु व महायज्ञ समिति सदस्य महिला पुरुषों ने किया स्वागत
संवाददाता अतुल कुमार
बेतिया। नगर के महर्षि योगिराज देवराहा बाबा मानस सत्यसंग आश्रम में दिवसीय अखंड अष्टयाम महायज्ञ आयोजन किया गया है। इस 9 दिवसीय महायज्ञ में शामिल होने पहुंचने पर नगर निगम की निवर्त्तमान सभापति का भरपूर स्वागत किया गया।
इस मौके पर गरिमा देवी सिकारिया ने कहा कि ईश्वरीय सत्ता के प्रति समर्पित होकर आस्थावान रहने से मनुष्य के संस्कार और विचार उत्तम होते हैं। अंतर्मन में सहानुभूति और संवेदना के भाव बढ़ते हैं।
उन्होंने कहा कि अपने ब्रह्मलीन योगिराज देवराहा बाबा का यह मंदिर शहर के लोगों में आस्था और भक्ति को प्रवाहित करने वाला एक मुख्य केंद्र है।
इस मौके पर मौजूद महायज्ञ आयोजन मंडल के सर्वश्री हरिशंकर शर्मा, अनिल कुमार शर्मा, संजय कुमार गुप्ता, हृदयानन्द प्रसाद आदि के साथ इनके परिजन और श्रद्धालु महिलाओं ने गरिमा देवी सिकारिया का भरपूर स्वागत किया।