टीबी उन्मूलन के लिए सामुदायिक जागरूकता में जीविका दीदियों की भूमिका अहम-सुजीत 

टीबी उन्मूलन के लिए सामुदायिक जागरूकता में जीविका दीदियों की भूमिका अहम-सुजीत 

रिपोर्टर अतुल कुमार

मझौलिया,प०च०। 
जीविका के प्रखंड परियोजना प्रबंधक सुजीत कुमार ने कहा कि टीबी बीमारी उन्मूलन अभियान के अंतर्गत सामुदायिक जागरूकता अभियान में जीविका  दीदियों की भूमिका अहम है।

वे प्रखंड के भटवलिया स्तिथ अधिकार जीविका संकुल संघ में केएचपीटी द्वारा जीविका  स्वंय सहायता समूह की दीदियों के लिए आयोजित पर्सपेक्टिव बिल्डिंग वर्कशॉप को संबोधित कर रहे थे।इस दौरान उन्होंने कहा की जीविका दीदियां अपने स्वयं सहायता समूह के साथ साथ आस पास के लोगों को भी जागरूक करेंगी तो हम समाज से टीबी बीमारी को खत्म कर सकते है।

वही केएचपीटी के सामुदायिक समन्यवक डॉ घनश्याम ने बताया कि अगर आपके स्वयं सहायता समूह या आस पडोस में  किसी व्यक्ति को दो हफ्ते या उससे ज्यादा खांसी, बलगम के साथ खून आना,शाम को बुखार आना या वजन कम होना की शिकायत हो तो उन्हें तुरंत नज़दीक के सरकारी अस्पताल में जाकर अपनी जांच कराने की सलाह दें साथ ही उन्हें यह भी बताएं कि सरकारी अस्पताल में टीबी की जांच और इलाज पूरी तरह निःशुल्क है।

वही कार्यक्रम में उपस्थित केएचपीटी की जिला लीड मेनका सिंह ने कहा कि सरकार की तरफ से टीबी मरीजों को निक्षय पोषण योजना के तहत पांच सौ रुपये पोषण सहायता की राशि छः महीने तक सीधे मरीज के खाते में भेजी जाती है।

मेनका ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत भी पांच लाख रुपया तक का सालाना मुफ्त इलाज सभी सरकारी अस्पताल एवं आयुष्मान भारत योजना से सूचीबद्ध प्राइवेट अस्पतालों में कैशलेस इलाज की सुविधा है।मौके पर जीविका अरविंद कुमार, अखिलेश कुमार, 1
केएचपीटी के सामुदायिक समन्यवक अनिल कुमार यादव आदि उपस्थित रहे।