चमकी से बचाव को चौक चौराहों पर लग रहे हैं चौपाल

चमकी से बचाव को चौक चौराहों पर लग रहे हैं चौपाल

प्रमोद कुमार 


- बच्चों को अधपके फल खाने व धूप में जाने से रोकें
- इमरजेंसी में मिलेगी एंबुलेंस की सुविधा


मोतिहारी,पू०च०। 
चमकी से बच्चों के बचाव को जिले के सामुदायिक स्थानों, चौक चौराहे ,सड़क किनारे पर स्वास्थ्य कर्मियों चिकित्सकों आंगनबाड़ी आशा कार्यकर्ता द्वारा लोगों को चौपाल में बुलाकर चमकी के बारे आवश्यक जानकारी देकर सचेत किया जा रहा है।

जिला के सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार ने बताया कि चमकी के मुद्दे पर राज्य सरकार व स्वास्थ्य विभाग काफी गम्भीर है। उन्होंने बताया कि जिले में चमकी बुखार से प्रभावित प्रखंड पिपराकोठी,चकिया मेहसी  मधुबन के अलावा ढाका मोतिहारी पकड़ीदयाल तुरकौलिया में चमकी बुखार से बचाव हेतु व्यापक प्रचार प्रसार कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

मोतिहारी सदर प्रखण्ड में चमकी से बचाव को आरबीएसके चिकित्सकों की टीम व स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा पतौरा, ढेकहा, बासमन आदि स्थानों की सड़कों, चौक चौराओं पर चौपाल लगा कर महिलाओं व आम लोगों को  चमकी के लक्षण जैसे- बच्चों को लगातार तेज बुखार रहना, बदन में लगातार ऐंठन होना, दांत पर दांत दबाए रहना,

सुस्ती, कमजोरी की वजह से बेहोशी आना, चिउटी काटने पर भी शरीर में कोई गतिविधि या हरकत न होना आदि बातें बताई गई। इससे बचाव के तरीकों की जानकारी दी गई।आरबीएसके डॉ ख़ालिद अनवर, शगुफ्ता प्रवीण, शिल्पी श्रीवास्तव ने बताया कि लोगों को चमकी बुखार को ले जागरूक रहने की आवश्यकता है। बच्चों को धूप में न जाने दें।

साफ सफ़ाई पर ध्यान दें। बच्चों को रात में खाली पेट न सोने दें। रात में  हल्का मीठा भोजन जरूर कराएं।  इलाज में देरी न करें। स्थिति असमान्य होने पर एम्बुलेंस भाड़ा कर जिला अस्पताल ले आएं। बच्चों के अस्पताल ले आने का भाड़ा सरकारी स्तर पर उपलब्ध कराया जाएगा।सीएस ने बताया कि चमकी के मामलों में बच्चों के इलाज हेतु सरकारी स्तर पर मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध है।

इमरजेंसी केस में  एंबुलेंस की सुविधा दी जाएगी। उन्होंने बताया कि जिला स्वास्थ्य समिति के पास वर्तमान में 45 एंबुलेंस उपलब्ध है। इसके अलावा 36 एंबुलेंस शीघ्र ही उपलब्ध किए जाएंगे । 10 बेड का पीकू वार्ड पूरी तरह से क्रियाशील है।आवश्यक दवा प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं।

सीएस ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों  के महादलित टोलों में विशेषकर सतर्कता बरती जाए क्योंकि इन्हीं क्षेत्रों के बच्चे चमकी बुखार से ज्यादा प्रभावित हुए हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि अपने बच्चों को अधपके फल खाने व धूप में जाने से रोकें, तो वे सुरक्षित रहेंगे। साथ ही चमकी/    एईएस के साथ अन्य मौसमी बीमारियों से भी बचेंगे।