टीबी उन्मूलन में पब्लिक प्राइवेट समन्वय जरूरीः डॉ बीके मिश्रा

टीबी उन्मूलन में पब्लिक प्राइवेट समन्वय जरूरीः डॉ बीके मिश्रा

टीबी उन्मूलन में पब्लिक प्राइवेट समन्वय जरूरीः डॉ बीके मिश्रा

- डॉक्टर फॉर यू की ओर से आयोजित हुई कार्यशाला

प्रमोद कुमार 


वैशाली,
टीबी अब कोई चुनौती नहीं रह गयी है। हमें बस ठीक से उन लोगों को चिह्नित करना है। अगर हम ऐसा करते हैं तो निश्चित तौर पर हम 2025 तक जिले को टीबी मुक्त जिला बना सकते हैं। ये बातें सिविल सर्जन डॉ अखिलेश कुमार मोहन ने एक निजी होटल में कही।

मौका था डॉक्टर फॉर यू की तरफ से आयोजित प्राइवेट सेक्टर प्रोवाइडर ओरिएंटेशन वर्कशॉप का। जिसका उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ अखिलेश कुमार मोहन, टीबी के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ बीके मिश्रा एवं आईएमए के जिला अध्यक्ष डॉ मधुसूदन सहित अन्य गणमान्य ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत में डीएफवाई के डॉ रावत ने कहा कि राज्य के 11 जिलों में डीएफवाई टीबी उन्मूलन की दिशा में अपना योगदान दे रही है। पब्लिक नोटिफिकेशन के अलावा प्राइवेट नोटिफिकेशन बहुत ही जरूरी है।

ताकि टीबी के संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सके। वहीं मौके पर टीबी नोटिफिकेशन में प्राइवेट -पब्लिक नोटिफिकेशन पर विस्तृत चर्चा करते हुए टीबी के राज्य कार्यक्रम पदाधिकरी डॉ बीके मिश्रा ने कहा कि टीबी उन्मूलन के लिए प्राइवेट और पब्लिक चिकित्सकों को साथ में कदमताल करना होगा। एक सर्वे के मुताबिक टीबी नोटिफिकेशन में दोनों सेक्टरों का अनुपात 49 -49 का है। उन्होंने कहा कि बिहार ही एक ऐसा राज्य है जहां प्राइवेट चिकित्सक टीबी रोगियों के लिए सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। जिसे हमें और बढ़ाना होगा।

वहीं हमारा लक्ष्य है कि बिहार के प्रत्येक ब्लॉक में एक ट्रुनेट मशीन भी हो ताकि टीबी की जांच और आसान एवं सटिक हो सके। वर्कशॉप के दौरान समस्तीपुर के सेवानिवृत सीएस डॉ एसके गुप्ता सहित अन्य चिकित्सकों ने भी प्राइवेट नोटिफिकेशन पर अपने मत दिए।टीबी एसपीओ डॉ मिश्रा ने कहा कि टीबी पहचान के लिए एक्स-रे बहुत जरूरी है। पूरे भारत में एक सर्वे हुआ हिसमें लगभग तीन लाख 20 हजार लोगों की सिम्टोमेटिक जांच हुई।

इसमें 918 लोग ऐसे थे जिन्हें किसी भी प्रकार के टीबी के सिम्टम नहीं थे, फिर भी उसमें से 418 लोगों को एक्स -रे में टीबी पाया गया। यह एक्स-रे से पकड़ में आया। 42.6 प्रतिशत लोगों को सिर्फ एक्स-रे की बदौलत नोटिफाई किया जाता है। हम अगर टीबी के एक मरीज को नोटिफाई करते हैं तो 3.5 लोगों को छोड़ते हैं इसलिए जिस भी घर में टीबी के मरीज नोटिफाई करते हैं उस घर के सभी सदस्यों का एक बार एक्स-रे अवश्य करा लें।


आईएमए अध्यक्ष ने की।जिले के आईएमए के अध्यक्ष डॉ मधुसूदन ने कहा कि टीबी नोटिफिकेशन के लिए जो प्राइवेट डॉक्टरों को प्रोत्साहन राशि मिलती है उसे समय पर सुनिश्चित किया जाय। वहीं टीबी जांच की रिपोर्ट भी सही समय पर देने की मांग की। इस पर जिले के संचारी रोग पदाधिकारी ने कहा कि निक्षय पोषण की राशि और रिपोर्ट सही समय पर देने की कोशिश की जा रही है।

वर्कशॉप के दौरान डॉ रविकांत सिंह ने कहा कि वैशाली जिले को एक लाइट वेटेड बैग पैक की तरह एक्स-रे मशीन मिलेगी। जिससे कहीं भी कैंप लगाकर लोगों का एक्स-रे किया जा सकता है।

मौके पर डॉ एसके गुप्ता, पूर्व सीडीओ डॉ सुनील केसरी, जिला वेक्टर बॉर्न रोग पदाधिकारी डॉ एसपी सिंह, डॉ शमा परवीन, डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि डॉ गौरव, डॉ उमेश चंद्र मिश्र, सुकन्या सरकार, युवराज सिंह समेत शहर के नामचीन चिकित्सक भी मौजूद थे।