बच्चों को एईएस / चमकी बुखार से बचाने के लिए माता-पिता रहें अलर्ट  :- डॉ आशुतोष शरण

बच्चों को एईएस / चमकी बुखार से बचाने के लिए माता-पिता रहें अलर्ट  :- डॉ आशुतोष शरण

 
:- गन्दगी से बचें , कच्चे आम, लीची व कीटनाशकों से युक्त फलों का सेवन न करें : डॉ शरण


मोतिहारी,पू०च०।
चमकी बुखार को ले जागरूकता के कारण एवं समय पर इलाज होने के कारण इसकी संख्याओं में पूर्व के सालों की अपेक्षा कमी आई है। इसलिए सही समय पर लोगों को चमकी के प्रति जागरूक करना बेहद आवश्यक है उक्त बातें उत्तर बिहार के सुप्रसिद्ध चिकित्सक व शरण नर्सिंग होम के निदेशक डॉ आशुतोष शरण में कहीं है


डॉ आशुतोष शरण ने बताया कि  बच्चों को एईएस से बचाने के लिए माता-पिता को शिशु के स्वास्थ्य के प्रति अलर्ट रहना चाहिए। समय-समय पर देखभाल करते रहना चाहिए। स्वस्थ्य बच्चों को मौसमी फलों, सूखे मेवों का सेवन करवाना चाहिए। साफ सफाई पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। छोटे बच्चों को मां का दूध पिलाना बेहद आवश्यक है।

डॉ शरण ने चमकी के लक्षण जैसे- बच्चों को लगातार तेज बुखार रहना, बदन में लगातार ऐंठन होना, दांत पर दांत दबाए रहना, सुस्ती, कमजोरी की वजह से बेहोशी आना, चिउटी काटने पर भी शरीर में कोई गतिविधि या हरकत न होना आदि बातें बताई । लोगों को चमकी बुखार को ले जागरूक रहने की आवश्यकता है।

बच्चों को धूप में न जाने दें। साफ सफ़ाई पर ध्यान दें। बच्चों को रात में खाली पेट न सोने दें। रात में  हल्का मीठा भोजन जरूर कराएं।  इलाज में देरी न करें।

डॉ शरण  ने बताया कि अप्रैल से जुलाई तक बच्चों में मस्तिष्क ज्वर की संभावना बनी  रहती है। बच्चे के माता- पिता चमकी / मस्तिष्क ज्वर के लक्षण जानकर समय पर इलाज कराकर बच्चों को सुरक्षित रख सकते हैं। 

*चमकी के लक्षण-*


. लगातार तेज बुखार रहना
. बदन में लगातार ऐंठन होना
. दांत पर दांत दबाए रहना
. सुस्ती चढ़ना
. कमजोरी की वजह से बेहोशी आना
. चिउटी काटने पर भी शरीर में कोई गतिविधि या हरकत न होना आदि।