तकनीकी एवं प्रस्तुतीकरण सत्र का आयोजन

तकनीकी एवं प्रस्तुतीकरण सत्र का आयोजन

तकनीकी एवं प्रस्तुतीकरण सत्र का आयोजन

P9bihar news 

प्रमोद कुमार 
मोतिहारी। राजनीति विज्ञान विभाग महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के द्वारा भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान के सहयोग से आयोजित दस दिवसीय शोध प्रविधि पाठ्यक्रम के नौवे दिन चार तकनीकी एवं एक प्रस्तुतीकरण सत्र का आयोजन किया गया। तीसवें तकनीकी सत्र में विषय विशेषज्ञ पटना विश्वविद्यालय की राजनीति विज्ञान विभाग की प्रो० शेफाली रॉय ने गुणवत्तापूर्ण शोध पत्र लेखन के बारे में प्रतिभागियों को बताया।

प्रो० राय ने कहा कि शोध पत्रों का विषय जितना सूक्ष्म होगा उसकी गुणवत्ता उतनी उच्च कोटि की होगी। शोध पत्र के लेखन हेतु पुस्तक सबसे अधिक विश्वसनीय स्रोत हैं । साइटेशन एवं रेफरेंसिंग के द्वारा शोध पत्रों को नैतिकता एवं तार्किकता प्रदान की जा सकती है।
 सत्र के अध्यक्षीय संबोधन में महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो० अजय कुमार गुप्ता ने कहा कि शोध पत्र लेखन शोधार्थियों के अनुसंधान के साथ-साथ उनके शैक्षणिक कार्य क्षेत्र में जीवन पर्यंत उपयोगी है।


इकतीसवें तकनीकी सत्र में शोध के दौरान तथ्य संकलन में प्रश्नावली उपकरण के उपयोग पर डॉ० रॉय ने प्रतिभागियों से बात की। उन्होंने प्रश्न अभ्यास द्वारा प्रतिभागियों को तथ्य संकलन हेतु प्रश्नावली निर्माण की महत्वपूर्ण बारीकियां को समझाया। उन्होंने कहा कि प्रश्नावली में प्रश्नों को क्रमबद्ध एवं शोध समस्या पर केंद्रित होना आवश्यक है। डा रॉय ने प्रश्नावलियों के विभिन्न प्रकार एवं उनके प्रायोगिक उपयोग को विस्तार पूर्वक समझाया।


सत्र के अध्यक्षीय संबोधन में महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ० अतुल भार्गव ने कहां की प्रश्नावली सामाजिक अनुसंधान के साथ-साथ वैज्ञानिक अनुसंधान में भी अत्यंत सहायक है। किसी प्रकार की फीडबैक के लिए भी प्रश्नावली एक महत्वपूर्ण उपकरण है। अतः शोधार्थियों को प्रश्नावली निर्माण का सम्यक ज्ञान होना आवश्यक है।


बत्तीसवें तकनीकी सत्र में रिपोर्ट लेखन में साहित्य चोरी से बचाव विषय पर जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा के राजनीतिक विज्ञान विभाग की प्रो० सरोज वर्मा ने प्रतिभागियों से बात की। प्रो० वर्मा ने कहा कि शोध रिपोर्ट में साहित्य चोरी एक नैतिक अपराध है। इससे बौद्धिक संपदा अधिकार का हनन होता है। साहित्य चोरी से बचने के लिए रिपोर्ट में उचित साइटेशन का प्रयोग शोधार्थियों को करना चाहिए।

सत्र के अध्यक्षीय संबोधन में महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ० श्याम कुमार झा ने बताया कि पाराफ्रेजिंग एवं साइटेशन के द्वारा शोध रिपोर्ट की नैतिकता सुनिश्चित रहती है। इससे साहित्य चोरी की संभावना नगण्य हो जाती है।तैतीसवें तकनीकी सत्र में विषय विशेषज्ञ काशी हिंदू विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के डॉ० बागीश सुमन ने सामाजिक शोध के अंतर्गत गुणात्मक अनुसंधान के विभिन्न पक्षों पर प्रतिभागियों से बात की। उन्होंने कहा कि सामाजिक अनुसंधान में गुणात्मक शोध विभिन्न सामाजिक दृष्टिकोण को प्रदर्शित एवं परिलक्षित करता है। 
अध्यक्षीय संबोधन में महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के सामाजिक विज्ञान संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो० सुनील महावर ने गुणात्मक अनुसंधान द्वारा शोध की महत्ता पर प्रकाश डाला। चार तकनीकी सत्रों के पश्चात प्रतिभागियों द्वारा किए गए फील्ड वर्क से संकलित तथ्यों के रिपोर्ट का प्रस्तुतीकरण कराया गया। रिपोर्ट का प्रस्तुतीकरण महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के सामाजिक विज्ञान संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो० सुनील महावर के समक्ष किया गया।


पाठ्यक्रम के निर्देशक डॉ० नरेंद्र कुमार आर्य ने कहा कि पाठ्यक्रम में देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के प्रख्यात विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रतिभागियों को अनुसंधान प्रविधि की सूक्ष्मता एवं बारीकियों का ज्ञान प्राप्त हो रहा है।
इस शोध प्रविधि पाठ्यक्रम के सह निर्देशक डॉ० नरेंद्र सिंह ने कहा कि पाठ्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों को अनुसंधान मैं आने वाले प्रायोगिक समस्याओं एवं उनके समाधान से अवगत कराना है।

आज के कार्य दिवस का संचालन एवं पिछले कार्य दिवस का रिपोर्ट प्रतिभागियों के द्वारा प्रस्तुत किया गया। आज के कार्यक्रम में आशुतोष,गौरव,निखिल,मनीष,सर्वेश्वर,उज्ज्वल, देवाशीष, संदीप, ऋचा, विजय,कौशल,सुजीत,सचिन,अफसाना की उपस्थिति रही।