इंसानियत से बड़ा कोई मजहब नहीं: विनोद

इंसानियत से बड़ा कोई मजहब नहीं: विनोद


झड़वा में आयोजित ईद मिलन समारोह में कई अहम लोगों ने की शिरकत

प्रमोद कुमार 

मोतिहारी,हरसिद्धि। दुनिया में जन्म लेने वाला हर इंसान पैदा होता है। उसे  किसी मजहब से कोई सरोकार नहीं होता। होश संभालने के बाद घर के माहौल से परभावित होकर माता पिता का धर्म धारण कर लेता है। उक्त बातें युवा राजद के प्रदेश अध्यक्ष कारी सोहैब ने भादा पंचायत के झड़वा गांव में आयोजित ईद मिलन समारोह को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा को आज कल मजहब के नाम पर नफरत की सियासत हो रही है।

ऐसे में मोहब्बत को बढ़ावा देकर नफरत का खात्मा संभव है। वहीं राजद के सीनियर लीडर विनोद श्रीवास्तव ने कहा कि इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं। इंसानियत के पैगाम को लेकर हमें आगे बढ़ने की जरूरत है। वहीं पूर्व विधायक राजन तिवारी ने कहा कि भारत विभिन्न संस्कृति की संगम है, अनेकता में एकता इसकी खूबसूरती और जम्हूरियत इसका शृंगार है।

कुछ लोग इस खूबसूरती को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में आपसी द्वेष मिटाकर हमें आगे बढ़ने की जरूरत है। नरकटिया विधायक डॉ शमीम अहमद ने अपने संबोधन में कहा की ईद मोहब्बत का त्योहार है। ईद मिलन के आयोजन से आपस की दूरियां खत्म होती है। हमें एक दूसरे के त्योहारों में शरीक होना चाहिए।

इससे मोहब्बत बढ़ेगी और नफरत खत्म होगा।वहीं मोतिहारी के युवा नेता अनिकेत रंजन ने कहां आजकल युवाओं को सभी पार्टियां अनदेखा कर रही है अगर युवा ना रहे तो कोई भी पार्टी आगे नहीं बढ़ सकती हैं।कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री श्रीवास्तव व संचालन अबूटा के संगठन सचिव ओजैर सालिम व नेहाल जमाल ने संयुक्त रूप से किया। 


समारोह में पूर्व विधायक राजेंद्र राम, राजद नेता इनामुल हक, नागेंद्र राम, संजय निराला, जे पी यादव, मुनिलाल यादव, प्रदीप यादव, डा. नसीम अख्तर, डा. शकील अहमद, डा. कमरूज्जमां, डा. अकील अहमद, तारिक अनवर चम्पारणी, फैयाज अकरम, मो.अबदाल, अरमान खान, सरफराज राय, मुस्तकीम अंसारी, इकराम खां, मोहम्मद अमानुल्लाह, इरशाद खां, अनिसुल हक, आफताब आलम आदि ने शिरकत की।

मौके मैट्रिक व इंटर परीक्षा 2022 में बेहतर अंक अर्जित करने वाले दो दर्जन से अधिक छात्रों को मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। इनमें नाजिया परवीन, शगुफ्ता परवीन, साहिल अख्तर, सलोनी कुमारी, मोनी खातून, एकरामुल हक, सना परवीन, नगमा परवीन, सलोनी कुमारी, हमीद इकबाल, शोएब आलम खां, साहब आलम,  हबीबुल्लाह अंसारी आदि मौजूद थे।