राष्ट्रीय स्तर पेंटिंग एवं चित्रकला प्रदर्शनी प्रतियोगिता में आर्टिस्ट अनिकेत राज का नाम चयनित हुआ

राष्ट्रीय स्तर पेंटिंग एवं चित्रकला प्रदर्शनी प्रतियोगिता में आर्टिस्ट अनिकेत राज का नाम चयनित हुआ

डेस्क

मोतिहारी,पू०च०। 
लहरों  से डरकर नौका पार नहीं होती आखिर कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।जी हां यह साबित किये है हमारे चंपारण बापू की कर्मभूमि, मोतिहारी के  विश्व स्तर के आर्टिस्ट अनिकेत राज ने शहर के   पंचमंदिर चौक , बिसातीपट्टी ,अग्रहरी मोहल्ला वार्ड नंबर 6 के निवासी हिंदरी बाजार ,चावल व्यवसायी दिनेश कुमार अग्रहरि, माता- सरिता देवी अग्रहरी के पुत्र आर्टिस्ट अनिकेत राज का नाम द्वितीय बार राष्ट्रीय स्तर पेंटिंग प्रतियोगिता में नाम चयनित किया गया है | यह प्रतियोगिता उत्तरप्रदेश के झांसी से मणिकार्णिका आर्ट गैलरी द्वारा ऑनलाइन आयोजित किया गया था। प्रतियोगिता आयोजित 26 जनवरी से लेकर 4  फरवरी 2022 तक की गई थी ।
 अनिकेत को पेंटिंग चयनित होने की जानकारी मणिकार्णिका आर्ट गैलरी से मैसेज के द्वारा मिली। 
अनिकेत ने अपनी पेंटिंग 4 फरवरी को सबमित किया था। श्री राज ने अपनी पोट्रेट , मधुबनी पेंटिंग, लैंडस्केप , मॉडर्न आर्ट, स्क्रैच पेंटिंग,  आयल पेंटिंग, एक्रेलिक , वॉटर कलर, अन्य कई सारी पेंटिंग उन्होंने सबमिट की थी।जिसमें बिहार का सुप्रसिद्ध मधुबनी पेंटिंग चयनित किया गया है।उत्तरप्रदेश के झांसी से आयोजित राष्ट्रीय स्तर इस पेंटिंग प्रतियोगिता में चित्रकला प्रतियोगिता एवं प्रदर्शनी भी लगनी है ।
 दोनों में श्री राज की पेंटिंग चयनित हुई है । यह  प्रदर्शनी मे पेंटिंग 4 से 14 मार्च के बीच लगनी है।  अनिकेत बापू की कर्मभूमि मोतिहारी से इकलौता प्रतिभागी है, जिसे पूरे जिलेवासी गौरवान्वित है । 
अनिकेत के माता पिता अपने बेटे की उपलब्धि पर काफी प्रसन्न है। अनिकेत बताते हैं कि यह मेरा दूसरी बार राष्ट्रीय स्तर पर पेंटिंग को चुना गया हैं।मेरा पहली बार आल इंडिया पेंटिंग कंपटीशन पटना के परम ट्रिक द्वारा आयोजित किया गया था जिसमें मुझे राष्ट्रीय स्तर पे तृतीय स्थान एवं पूरे बिहार में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ था।मुझे कठिन से कठिन परिस्थितियों का सामना क्यों ना करना पड़े , मैं हार नहीं मानूँगा । मैं हार को जीत कर दिखाऊँगा।जैसे हमारे राष्ट्रपिता मोहंदास करमचंद गांधीजी ने इसी चंपारण की धरती पर 14 अप्रैल 1917 को आए थे ।इसी भूमि से उन्होंने चंपारण सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत की थी ।
वैसे मैं अपनी पेंटिंग को चंपारण के नाम के साथ विश्व पटल पर  पहुंचाऊंगा ।
 इस प्रतियोगिता में 60 देश के 2000 आर्टिस्ट ने भाग लिया है जिसमें - लखनऊ, कानपुर, बनारस, नोएडा, दिल्ली, उन्नाव,हिमाचल प्रदेश, गुजरात ,तमिलनाडु चेन्नई ,मुंबई, पुणे, कोलकाता, पटना, मेरठ ,देहरादून ,रायपुर, वाराणसी, मध्यप्रदेश सिंगरौली, प्रयागराज, रेणुकूट ,सूरत ,हुगली, पुडुचेरी, नागपुर, जामनगर ,लुधियाना ,ललितपुर , कोरबा ,चंद्रपुर, उदयपुर, रत्नागिरी, चंडीगढ़ ,सांगली ,नैनीताल , दरभंगा अलीगढ़ वडोदरा ,रायपुर, जोधपुर, गया ,लखीमपुर ,सोहागपुर, सुल्तानपुरजौनपुर ,मुगलसराय,चंदौली,सैयदराजा ,गाजीपुर, बलिया, सुरेमनपुर, जम्मू कश्मीर ,श्रीनगर कन्याकुमारी ,भोपाल ,खड़कपुर,गाजियाबाद ,पानीपत ,चंडीगढ़ , नासिक, जमशेदपुर ,सोलापुर, इन सभी जगह के आर्टिस्टों ने भाग लिया है l