12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के पूर्व जिले में चल रहे जन जागरूकता अभियान

12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के पूर्व जिले में चल रहे जन जागरूकता अभियान

12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के पूर्व जिले में चल रहे जन जागरूकता अभियान

प्रमोद कुमार 

मोतिहारी,पू०च०।
12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के पूर्व पूर्वी चंपारण जिले में चल रहे जन जागरूकता अभियान की कड़ी में आज श्रम अधीक्षक राकेश रंजन के द्वारा विश्व साइकिल दिवस के अवसर पर नेहरू युवा केंद्र के द्वारा गांधी संग्रहालय में आयोजित साइकिल रैली में माननीय सांसद राधा मोहन सिंह एवं उपस्थित नेहरू युवा केंद्र के जिला युवा पदाधिकारी स्वरूप डी , जिला खेल पदाधिकारी राजेंद्र कुमार,

पूर्वी चंपारण साइकलिंग एसोसिएशन के सचिव सिद्धार्थ वर्मा,  अध्यक्ष आदित्य कुमार एवं सैकड़ों नेहरू युवा के युवकों और युवतियों को बाल श्रमिकों को नियोजित नहीं करने से संबंधित शपथ दिलवाया गया तथा सभी उपस्थित युवकों और युवतियों से अपील की गई कि वह बाल श्रम के विरुद्ध सभी लोगों को जागरूक करें क्योंकि बच्चों का स्थान स्कूलों में है, खेल के मैदानों में है ,पार्क में है ना कि उन बच्चों का स्थान फैक्ट्री, होटल, ढाबा, मोटर गैराज आदि में है।

इसके पश्चात श्रम अधीक्षक के द्वारा गृह रक्षा वाहिनी के ट्रेनिंग कैंप में जिला समादेष्टा होमगार्ड अशोक कुमार प्रसाद एवं प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे सैंकड़ों होमगार्ड जवानों को बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन ) अधिनियम 1986 के प्रावधानों की जानकारी दी गई तथा राज्य कार्य योजना 2017 के तहत जो विभिन्न विभागों के लिए गाइडलाइन जारी किए गए हैं उसकी भी जानकारी दी गई।

श्रम अधीक्षक के द्वारा जिला समादेष्टा होमगार्ड तथा उपस्थित सभी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे जवानों को बाल श्रम के विरुद्ध शपथ दिलवाई गई तथा उनसे अपील की गई कि जब वे अपने-अपने स्थानों पर कार्य करने के लिए जाएंगे तो कृपया बच्चों के प्रति संवेदनशील होकर कार्य करें तथा यदि कहीं भी किसी बच्चे को नियोजित पाते हैं तो उसके नियोजकों के विरोध कानूनी कार्रवाई करने में सहयोग करें ।


श्रम अधीक्षक ने सभी उपस्थित सभी जवानों को बताया कि बाल श्रमिकों से काम कराना गैर कानूनी के साथ-साथ अमानवीय और अनैतिक भी है।बच्चों का समुचित विकास जरूरी है क्योंकि यही बच्चे हमारे कल के चंपारण के कल के बिहार के और कल के भारत के भविष्य हैं।आने वाला अगला कम से कम 50 साल जो है वह इन्हीं बच्चों के कंधों पर होगा इसीलिए यदि आज हम इन बच्चों को काम में लगा देते हैं तो कहीं ना कहीं हम उनके साथ तो अन्याय करते ही हैं साथ ही इस समाज के साथ अन्याय करते हैं।

इस शहर के साथ अन्याय करते हैं , इस राज्य के साथ अन्याय करते हैं और इस देश के साथ अन्याय करते हैं।श्रम अधीक्षक ने जिले के सभी नियोजकों से अपील की कि वे कृपया किसी भी बाल श्रमिक से अपने दुकान ,प्रतिष्ठान, होटल, ढाबा, मोटर गैराज आदि में काम किसी भी कीमत पर नहीं कराएं। बाल श्रमिकों से काम कराना बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा । लगातार धावा दल विभिन्न प्रखंडों में चलाया जा रहा है ।

जहां भी किसी दुकान या प्रतिष्ठान में बाल श्रमिकों से कार्य कराते हुए पाया जाता है तो उनके नियोजको के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करते हुए कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।इसके अतिरिक्त उन नियोजकों से ₹20000 प्रति बाल श्रमिक की दर से जुर्माने की राशि अलग से वसूल की जाएगी और उसे जिला बाल श्रमिक पुनर्वास कोष में जमा कराया जाएगा।यदि कोई नियोजक यह जुर्माने की राशि जमा नहीं कराते हैं तो उनके विरुद्ध एक अलग से सर्टिफिकेट केस दायर किया जाएगा।श्रम अधीक्षक ने बताया कि यह अभियान अभी  लगातार 12 जून तक जारी रहेगा।