स्वास्थ्य परामर्शियों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मिला प्रशिक्षण

स्वास्थ्य परामर्शियों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मिला प्रशिक्षण

प्रमोद कुमार 

- 24 मार्च से शुरू हो रहे फाइलेरिया उन्मूलन अभियान की सफलता को लेकर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

हाजीपुर
स्वास्थ्य विभाग द्वारा 24 मार्च से शुरू हो रहे फाइलेरिया उन्मूलन अभियान की सफलता को लेकर जिला से ब्लॉक स्तर तक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इस कड़ी में शनिवार को सदर अस्पताल स्थित यक्ष्मा सभागार में स्वास्थ्य परामर्शियों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया गया। पहले बैच के प्रशिक्षण में शनिवार को 40 स्वास्थ्य परामर्शी और 40 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शामिल हुईं। जिन्हें जिला वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल अधिकारी डॉ सत्येन्द्र प्रसाद सिंह ने इस बीमारी के उन्मूलन के लिए चलाए जाने वाले अभियान के बारे में विस्तार से बताया। प्रशिक्षण कार्यक्रम ग्रामीण चिकित्सा कल्याण विकास संस्थान की ओर से आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में ग्रामीण चिकित्सा कल्याण विकास संस्थान के सचिव सुरेंद्र कुमार, इंद्रजीत कुमार, मीना कुशवाहा, रीना देवी, सब्या कुमारी आदि शामिल हुई। 

तीन प्रकार की दवा खिलायी जाएगी-

जिला वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल अधिकारी डॉ सत्येन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि एमडीए-आईडीए अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग संकल्पित है। 24 मार्च से चलने वाले फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया से बचाव के लिए तीन प्रकार की दवा खिलायी जाएगी। फाइलेरिया से बचाव के लिए तीन प्रकार की दवा खिलायी जाएगी, जिसमें डीईसी टैबलेट, अल्बेंडाजोल एवं आइवरमेक्टिन नामक दवा शामिल है। यह दवा दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाएं एवं गंभीर रोग से पीड़ित मरीजों को नहीं खिलानी है।

रात में काटते हैं फाइलेरिया के मच्छर
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जिला वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल अधिकारी डॉ सत्येन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि फाइलेरिया मुख्य तौर पर क्यूलेक्स नामक मच्छर के काटने से होता है। जो अक्सर शाम ढलने के बाद काटते हैं। इस बीमारी को अपने स्वरूप में आने में आठ से दस साल लगते हैं जो घातक है। इससे बचाव का एकमात्र समाधान सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के तहत दी जाने वाली दवा का सेवन करना है।