जिले के उपचाराधीन टीबी मरीजों को निर्गत की जा रही है पोषण राशि
जिले के उपचाराधीन टीबी मरीजों को निर्गत की जा रही है पोषण राशि
• अप्रैल से 28 सितंबर तक 1.50 करोड़ से अधिक राशि की गयी निर्गत
• निश्चय पोषण योजन के तहत दी जा रही राशि
• अप्रैल से 28 सितंबर तक जिले में टीबी के 16745 मरीज हैं चिह्नित
P9bihar news
प्रमोद कुमार
पटना, 28 सितंबर। राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिला में टीबी रोग के प्रति जनजागरूकता लाकर वर्ष 2025 तक टीबी को पूरी तरह खत्म करने के लक्ष्य को प्राप्त करना है. यह एक सामाजिक दायित्व है जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग सहित आमजनों की सहभागिता भी जरूरी है. टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार टीबी रोगियों को चिह्नित करने, जांच व इलाज सहित निक्षय पोषण योजना का लाभ दिलाने का काम किया जा रहा है.
जिले के उपचाराधीन टीबी मरीजों की पोषण की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए जिला यक्ष्मा केंद्र द्वारा निश्चय पोषण योजना के तहत राशि लाभार्थियों को निर्गत की जा रही है.
अप्रैल से 28 सितंबर तक 1.50 करोड़ से अधिक राशि की गयी निर्गत:
जिला यक्ष्मा केंद्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस वर्ष 1 अप्रैल से 28 सितंबर तक उपचाराधीन टीबी मरीजों को 1, 57, 08, 500 रुपये ( 1 करोड़, 57, लाख, 8 हजार, 500 रूपए ) की राशि निर्गत की जा चुकी है. जिला में 1 अप्रैल से 28 सितंबर तक 16745 मरीज चिह्नित किये गए हैं. इन मरीजों में 241 मरीज ऐसे हैं जो मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट टीबी से ग्रसित हैं. निश्चय पोषण योजना के तहत सरकार द्वारा मरीजों मरीजों के पोषण की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उपचार की अवधि के दौरान हर महीने 500 रुपये की पोषण राशि प्रदान की जाती है.
टीबी मरीजों को गोद लेने की हो रही है पहल:
सरकार द्वारा टीबी मरीजों को गोद लेने की पहल शुरू की गयी है. कोई भी इच्छुक व्यक्ति, स्वयंसेवी संस्था, जन प्रतिनिधि आदि निश्चय मित्र बनकर टीबी मरीज को गोद ले सकते हैं. टीबी रोगियों को गोद लेकर उनकी सहायता कई तरीके से की जा सकती है. टीबी मरीजों से भावनात्मक संबंध होना महत्वपूर्ण है. निश्चय मित्र बन सामाजिक दायित्व के तहत मरीजों के अस्पताल आनेजाने, इलाज और खानपान का खर्च उठा सकते हैं. टीबी के मरीजों को पौष्टिक आहार के लिए प्रेरित करें तथा उनके आहार का प्रबंधन करें. बेहतर खानपान के लिए निक्षय पोषण योजना के तहत मिलने वाली 500 रुपये राशि दिलाने में मदद की जा सकती है.
टीबी उन्मूलन है सामूहिक प्रयास से संभव:
टीबी रोग लाइलाज नहीं है. दवा सेवन से यह पूरी तरह ठीक हो जाता है. इसे ध्यान में रख मरीजों के प्रति होने वाले सामाजिक भेदभाव को को दूर करने के लिए लोगों को सही जानकारी दें. टीबी के प्रति भ्रांतियों को दूर करें. टीबी मरीजों को सरकारी सहायताओं की जानकारी दें. पंचायती तथा अन्य निर्वाचित जनप्रतिनिधि टीबी से पीड़ित मरीजों की आर्थिक सामाजिक रूप से मदद कर सकते हैं. समाज के प्रतिनिधि होने के कारण वे पूरे समुदाय में सही जानकारी देकर टीबी उन्मूलन की दिशा में अलख जगा सकते हैं. इससे समुदाय के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी