हरिशयनी एकादशी 10 जुलाई रविवार को
हरिशयनी एकादशी 10 जुलाई रविवार को
प्रमोद कुमार
P9bihar news
मोतिहारी,पू०च०।
श्री हरिशयनी (देव शयनी) एकादशी व्रत का मान सबके लिए 10 जुलाई रविवार को है। इसका पारण 11 जुलाई सोमवार को प्रातः 05:15 बजे के बाद जौ से किया जाएगा।भविष्योत्तर पुराण के अनुसार आषाढ़ शुक्लपक्ष की एकादशी को ही हरिशयनी या देवशयनी एकादशी कहा जाता है।
कहीं कहीं इसे पद्मनाभा एकादशी भी कहते हैं। इसी दिन से चतुर्मास का आरंभ माना जाता है। इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु क्षीरसागर में शयन करते हैं। इस दिन जगत् के पालनहार श्री विष्णु का विधिवत पूजन कर उन्हें शयन कराया जाता है।
भगवान के शयन अवधि (चतुर्मास) में विवाह,उपनयन,गृहप्रवेश आदि मांगलिक कार्य बन्द हो जाते हैं। उक्त जानकारी महर्षिनगर स्थित आर्षविद्या शिक्षण प्रशिक्षण सेवा संस्थान-वेद विद्यालय के प्राचार्य सुशील कुमार पाण्डेय ने दी।उन्होंने बताया कि पुराणों का ऐसा भी मत है कि भगवान विष्णु इस दिन से चार माह पर्यन्त पाताल में राजा बलि के द्वार पर निवास करके कार्तिक शुक्लपक्ष एकादशी को लौटते हैं।
इसी प्रयोजन से इस दिन को देवशयनी तथा कार्तिक शुक्लपक्ष एकादशी को देव प्रबोधिनी या देवोत्थान एकादशी कहते हैं। ब्रह्मवैवर्त पुराण में इस एकादशी के विशेष महात्म्य का वर्णन किया गया है। इस व्रत से प्राणी की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।