सरकारी स्वास्थ्य केंद्र होंगे दूध की बोतल मुक्त परिसर घोषित
सरकारी स्वास्थ्य केंद्र होंगे दूध की बोतल मुक्त परिसर घोषित
P9bihar news
प्रमोद कुमार
वैशाली।
जिले के सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर अब नवजातों को किसी भी प्रकार का बाहरी दूध नहीं पिलाया जाएगा। इसके लिए सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों को “दूध की बोतल मुक्त परिसर” घोषित किया जाएगा। इस बात की जानकारी अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अमिताभ कुमार सिन्हा ने दी। उन्होंने बताया कि दूध कि “बोतल मुक्त अभियान” के लिए कवायद जारी है। डॉ सिन्हा ने बताया कि जिले में एक से सात अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जा रहा है।
इसके तहत प्रत्येक प्रखंड में स्तनपान पर प्रखंड स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। वहीं इसके अलावे स्वास्थ्य केंद्र पर अलग से स्तनपान कॉर्नर की स्थापना भी की जाएगी।डॉ सिन्हा ने कहा कि जन्म के बाद 45 प्रतिशत बच्चों की मौत कुपोषण से होती है। स्तनपान कुपोषण को मिटाने के लिए सबसे अहम है। जन्म के समय के एक घंटे के अंदर मां का गाढ़ा पीला दूध, जिसे कॉलस्ट्रॉम भी कहते हैं, वह बच्चे के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
इसके अलावे छह महीने तक बच्चों को सिर्फ स्तनपान ही कराया जाना चाहिए। इसके बाद बाहरी पूरक आहार के अलावा स्तनापान को जारी रखना चाहिए।विश्व स्तनपान सप्ताह के तहत आशा और एएनएम ग्राम स्तरीय बैठक भी करेंगी। जिसमें वह माताओं को स्तनपान के फायदे गिनवाएंगी। वह शिशु और माता को स्तनपान से होने वाले लाभ को भी बताएंगी।पहले छह माह तक पूर्ण आहार मिलता है व अगले दो साल तक बड़ी मात्रा में जरूरी आहार, ताकत एवं पोषक तत्व मिलते हैं।
- शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं।
- आसानी से पच जाता है और शिशु में कब्ज की शिकायत नहीं रहती।
- मां का दूध साफ सुथरा, जीवाणु रहित होने के कारण शिशुओं को संक्रमण से बचाता है।