जिले में हाई रिस्क प्रेग्नेंसी के केस घटे 65 मामले ही मिले

जिले में हाई रिस्क प्रेग्नेंसी के केस घटे 65 मामले ही मिले

जिले में हाई रिस्क प्रेग्नेंसी के केस घटे 65 मामले ही मिले

P9bihar news 

प्रमोद कुमार 
सीतामढ़ी।
बहू के गर्भवती होने की खबर पूरे परिवार को खुशियों से सराबोर कर देती है। खुशियों के इन पलों को गर्भावस्था के दौरान संजोये रखने और जच्चा-बच्चा को स्वस्थ और सुरक्षित बनाने में स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयास कर रहा है। स्वास्थ्य विभाग सुरक्षित प्रसव का प्रबंध करने में सफल हो रहा है। इसमें प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान कारगर साबित हो रहा है। इस अभियान की वजह से जिले में उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की संख्या में भारी कमी आयी है।

सीतामढ़ी में स्वास्थ्य विभाग को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के दौरान मात्र 65 महिलाओं में हाई रिस्क प्रेग्नेंसी के मामले मिले हैं। अप्रैल 2022 से लेकर जुलाई 2022 तक जिले में 8024 महिलाओं ने इस अभियान के तहत चेकअप करवाया। जिनमें से मात्र 0.81 प्रतिशत महिलाओं में खून की कमी, शुगर, एचआईवी संक्रमण, थैलेसीमिया और अन्य कारणों से हाई रिस्क प्रेग्नेंसी के केस मिले हैं। सबसे कम हाई रिस्क प्रेग्नेंसी के मामले में सीतामढ़ी बिहार में दूसरे स्थान पर है।

शिवहर में मात्र 0.64 प्रतिशत महिलाओं में हाई रिस्क प्रेग्नेंसी के मामले मिले हैं। ये आंकड़े राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से जारी किये गए हैं।सिविल सर्जन डॉ. सुरेश चंद्र लाल ने कहा कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के दिन जिले के स्वास्थ्य संस्थानों में गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच की जाती है। इसे एएनसी यानी एंटी नेटल केयर भी कहते हैं। मां और बच्चे कितने स्वस्थ हैं, इसका पता लगाने के लिए जांच जरूरी है। इससे गर्भावस्था के समय होने वाले जोखिमों की पहचान, संबंधित अन्य रोगों की पहचान व उपचार आसान हो जाती है।

जांच के जरिये हाई रिस्क प्रेग्नेंसी यानी (एचआरपी) को चिह्नित करते हुए उसकी उचित देखभाल की जाती है।सिविल सर्जन ने कहा कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के दिन स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जांच के बाद जरूरी चिकित्सा परामर्श भी दी जाती है। जिसमें रहन-सहन, साफ-सफाई, खान-पान, गर्भावस्था के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां सहित कई अन्य चिकित्सकीय परामर्श शामिल हैं। ताकि सुरक्षित और सामान्य प्रसव को बढ़ावा मिल सके। एएनसी जांच से प्रसव संबंधी जटिलताओं का पहले ही पता चल जाता है। उन्होंने बताया कि जिले में महिलाएं अपने स्वास्थ्य को लेकर काफी सजग हुई हैं।

स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयासरत है कि समुदाय के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके।हर माह की नौ तारीख और 21 तारीख को आयोजित होने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का आयोजन इस बार 10 अगस्त और 22 अगस्त को होगा। नौ तारीख को सामान्य अवकाश (मुहर्रम) और 21 तारीख को साप्ताहिक अवकाश (रविवार) की वजह से प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान की तिथि एक-एक दिन बढ़ाई गई है।