भगवान भरोसे सिकरहना अनुमंडल के किसान करते हैं खेती नहीं है सिंचाई की समुचित व्यवस्था

भगवान भरोसे सिकरहना अनुमंडल के किसान करते हैं खेती नहीं है सिंचाई की समुचित व्यवस्था

भगवान भरोसे सिकरहना अनुमंडल के किसान करते हैं खेती नहीं है सिंचाई की समुचित व्यवस्था

P9bihar news 

प्रमोद कुमार 
मोतिहारी,पू०च०।
आजादी के 75 साल बाद भी सिकरहना अनुमंडल के किसान भगवान भरोसे ही खेती करते हैं। यहां के किसानों की खेती प्राकृतिक पर ही निर्भर है। क्षेत्र में पहाड़ी नदिया  नाहर व नलकूप होने के बावजूद भी किसानों के खेत तक एक बूंद पानी तक नहीं पहुंचती है उक्त बातें ढाका विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी सज्जाद के प्रदेश महासचिव अभिजीत सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कही है।


जाप नेता अभिजीत सिंह ने कहा कि सिंचाई की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण पहाड़ी नदियों का पानी किसानों के खेतों तक नहीं पहुंच पाता है हालांकि अत्यधिक वर्षा होने के बाद यही पहाड़ी नदिया सिकरहना अनुमंडल के किसानों के खेत में तांडव मचाती है और पूरे साल की मेहनत को बहाकर ले जाती है हालांकि इन नदियों का उपयोग सिंचाई के वक्त भी होना चाहिए लेकिन यह नदियां किसानों के लिए केवल काल बनकर ही रह जाती है।

लेकिन यहां के जनप्रतिनिधि व प्रदेश की सरकार की उदासीनता के कारण क्षेत्र में उपस्थित पहाड़ी नदियों से सिंचाई की व्यवस्था नहीं की गई और ना ही आज तक प्रयास किया गया है। सरकार के द्वारा करोड़ों अरबों रुपए सिंचाई साधन के नाम पर प्रत्येक वर्ष खर्चा करने के बावजूद सिंचाई व्यवस्था के नाम पर कुछ नहीं हुआ है

फिर भी किसान देश के आम लोगों को अपनी कड़ी मेहनत कर अन्न उपजा कर खदान के रूप में देते हैं पर यहां के जनप्रतिनिधि किसानों की दुख दर्द पीड़ा को किसी ने समझने की कोशिश नहीं किया और किसानों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है आखिर कब तक किसान प्राकृतिक भगवान के सहारे कृषि कार्य करते रहेंगे।