बच्चों को डायरिया से बचाव के लिए जिले में सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा

बच्चों को डायरिया से बचाव के लिए जिले में सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा

बच्चों को डायरिया से बचाव के लिए जिले में सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा

P9bihar news 

सत्येन्द्र कुमार शर्मा, सारण :- बच्चों को डायरिया से बचा के लिए जिले में सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा चलाया जाएगा।बच्चों में दस्त से होने वाले शिशु मृत्यु दर को शून्य करना अभियान का उद्देश्य है।दस्त के समय और दस्त के बाद भी उम्र के हिसाब से स्तनपान और ऊपरी आहार जरूरी है।

 जिले में 15 से 30 जुलाई तक सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा का आयोजन किया जाएगा। भारत सरकार के निर्देशानुसार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत दस्त से होने वाले शिशु मृत्यु को शून्य स्तर तक लाने के उद्देश्य से प्रति वर्ष सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा का आयोजन किया जाता है।

वर्तमान में कोविड-19 महामारी के सुरक्षात्मक उपायों का अनुपालन करते हुए वर्ष 2022 में सघन दस्त नियंत्रण व  कार्यक्रम का आयोजन 15  से 30 जुलाई  तक किया जाना है। बच्चों में दस्त से होने वाले शिशु मृत्यु दर को शून्य करने के उद्देश्य से पखवाड़ा का आयोजन किया जाएगा।

चिह्नित स्थलों में पर्याप्त सफाई की व्यवस्था के अभाव वाले क्षेत्रों के अलावा शहरी क्षेत्रों के झुग्गी-झोपड़ी, बाढ़ प्रभावित इलाका, निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के परिवार, ईंट-भट्टे वाले क्षेत्र, अनाथालय और पिछले दो से तीन वर्ष तक दस्त के मामले अधिक संख्या पाये गए थे वहां डोर -टू डोर भ्रमण किया जाएगा।

इस कार्यक्रम के दौरान आशा कार्यकर्ता अपने क्षेत्र में डोर टू डोर भ्रमण कर माइक्रो प्लान तैयार करेंगी। जिसमें पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की सूची बनाई जानी है। पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों के घरों में प्रति बच्चा एक-एक ओआरएस पैकेट का वितरण किया जाएगा। इस संबंध में राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने पत्र जारी कर आवश्यक दिशा निर्देश दिया है। 

दस्त के समय और दस्त के बाद भी उम्र के हिसाब से स्तनपान और ऊपरी आहार जरूरी:

सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा के दौरान जिले के कुछ विशेष क्षेत्रों में अभियान को लेकर विशेष बल दिया गया है। हाथों की सफाई व हाथ धोने के तरीके को भी बताना होगा। जिक का उपयोग दस्त होने के दौरान बच्चों को आवश्यक रूप से कराया जाए।

दस्त बंद हो जाने के बाद भी जिंक  की खुराक दो माह से लेकर 5 वर्ष तक बच्चों को उनकी उनकी उम्र के अनुसार 14 दिनों तक जारी रखा जाए। दस्त के समय और दस्त के बाद भी उम्र के हिसाब से स्तनपान और ऊपरी आहार देते रहें। दस्त के क्या हैं लक्षण- बच्चा ज्यादा बीमार लग रहा हो। बच्चा का सुस्त रहना या बेहोश हो जाना या बार-बार उल्टी होना शामिल है।

शिशु मृत्यु का शून्य स्तर प्राप्त करना:
पत्र के माध्यम से निर्देश दिया गया है कि कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये आवश्यक है कि कार्यक्रम के अंतर्गत की जाने वाली गतिविधियों का सूक्ष्म कार्यान्वयन एवं अनुश्रवण किया जाए। वर्ष 2022 में आयोजित होने वाले सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा का उद्देश्य राज्य में दस्त के कारण होने वाले शिशु मृत्यु का शून्य स्तर प्राप्त करना है।

डायरिया से होने वाले मृत्यु का मुख्य कारण निर्जलीकरण के साथ इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी होना है। ओ. आर. एस. एवं जिंक के प्रयोग द्वारा डायरिया से होने वाली मृत्यु को टाला जा सकता है।

सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा के दौरान अंतर्विभागीय समन्वय द्वारा दस्त के रोकथाम के उपायों, दस्त होने पर ओ. आर. एस. एवं जिंक का प्रयोग, दस्त के दौरान उचित पोषण तथा समुचित इलाज  के पहलुओं पर क्रियान्वयन किया जाना है।