माता-पिता की सेवा से प्रतिदिन गंगा स्नान करने का मिलता है पुण्य 

माता-पिता की सेवा से प्रतिदिन गंगा स्नान करने का मिलता है पुण्य 

माता-पिता की सेवा से प्रतिदिन गंगा स्नान करने का मिलता है पुण्य 


P9bihar news 

प्रमोद कुमार 
मोतिहारी,पू०च०।
भारतीय संस्कृति में माता सर्वतीर्थमयी और पिता सम्पूर्ण देवताओं का स्वरूप है,इसीलिए सब प्रकार से माता-पिता का पूजन व सम्मान करना चाहिए। माता-पिता की परिक्रमा करने से सम्पूर्ण पृथ्वी की परिक्रमा हो जाती है। जिसकी सेवा और सद्गुणों से माता-पिता संतुष्ट रहते हैं,उस पुत्र या पुत्री को प्रतिदिन गंगा स्नान करने का पुण्य मिलता है।

उक्त विचार मंगलवार को अरेराज स्थित संस्कार गुरुकुलम् विद्यालय में कुटुम्ब प्रबोधन द्वारा आयोजित मातृ-पितृ पूजन समारोह में चम्पारण विभाग संयोजक सुशील कुमार पाण्डेय ने व्यक्त किया।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संस्कार गुरुकुलम् की व्यवस्थापिका मंजू त्रिपाठी ने कहा कि संस्कृति किसी भी देश,जाति या समुदाय की आत्मा होती है। संस्कृति से ही देश,जाति या समुदाय के उन समस्त संस्कारों का बोध होता है,जिनके सहारे वह अपने आदर्शों,जीवन मूल्यों आदि का निर्धारण करता है।

अतः संस्कृति का साधारण अर्थ होता है।संस्कार,सुधार,परिवार,शुद्धि आदि।कुटुम्ब प्रबोधन के जिला सह संयोजक विनोद पाण्डेय ने कहा कि अच्छी प्रकार आचरण में लाए हुए दूसरे के धर्म से गुण रहित भी अपना धर्म उत्तम है।अन्य वक्ताओं में प्रभाकर मिश्र,जयनाथ मणि त्रिपाठी,शिवजी प्रसाद सिंह,चन्दन पाण्डेय आराधना त्रिपाठी,प्रियंका देवी,नवनीत कुमार सिंह आदि ने अपने विचार व्यक्त किये।

कार्यक्रम का संचालन नीरज कुमार सिंह व धन्यवाद ज्ञापन गुरुकुलम् के निदेशक अजीत मणि त्रिपाठी ने किया।कार्यक्रम के अन्तर्गत गुरुकुलम् के बच्चों ने अपने अपने माता-पिता का पूजन किया।मौके पर शैलेन्द्र गिरि, विशाल कुमार,अंजली कुमारी,रितिका,सलोनी पाण्डेय,साक्षी कुमारी,पवन कुमार सहित दर्जनों लोग मौजूद थे।