नहाए खाए के साथ चार दिवसीय छठ पर्व शुरू खरना कल
नहाए खाए के साथ चार दिवसीय छठ पर्व शुरू खरना कल
कालचक्र के महाप्रणेता हैं भगवान सूर्य
P9bihar news
प्रमोद कुमार
मोतिहारी,पू०च०।
सूर्यषष्ठी व्रत के द्वितीय दिन कल खरना रूपी अनुष्ठान सम्पन्न किया जाएगा। खरना के रोज दिन में निराहार रहकर सायंकाल गोधूली वेला में नवनिर्मित मिट्टी के चुल्हा पर आम की लकड़ी से बनी हुयी रोटी के साथ साठी का चावल,गाय का दूध एवं गुड़ से निर्मित खीर तथा केला,आदी,मूली और अन्य ऋतुफल आदि का केला के पत्ता पर नैवेद्य (नेवज) लगाकर प्रसाद लेने का विधान है।
उस समय दीप जलाकर श्रीसूक्त,पुरुषसूक्त,सूर्यसूक्त एवं आदित्यहृदय स्तोत्र के पाठ करने का भी विधान है।उक्त जानकारी महर्षिनगर स्थित आर्षविद्या शिक्षण प्रशिक्षण सेवा संस्थान-वेद विद्यालय के प्राचार्य सुशील कुमार पाण्डेय ने दी। उन्होंने बताया कि भगवान सूर्य कालचक्र के महाप्रणेता हैं। सूर्य से ही दिन-रात्रि,मास,अयन एवं संवत्सर का निर्माण होता है।
भारतीय संस्कृति में सूर्योदय से ही किसी भी वार का प्रारंभ होता है।सूर्योपासना के मूल में आध्यात्मिक लाभ के अलावा शारीरिक स्वास्थ्य एवं भौतिक लाभ का भाव भी निहित मिलता है। यह कई प्रकार के रोगों से भी रक्षा करता है।